नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने उस जनहित याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया, जिसमें केंद्र को गाजा में युद्ध लड़ रहे इजराइल को हथियारों और सैन्य उपकरणों का निर्यात रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
न्यायालय ने कहा कि वह देश की विदेश नीति में दखल नहीं दे सकता।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि इजराइल को हथियारों और सैन्य उपकरणों का निर्यात कर रही भारतीय कंपनियों को आपूर्ति करने से नहीं रोका जा सकता, क्योंकि ऐसी सूरत में उन्हें संविदात्मक दायित्वों के उल्लंघन के आरोप में मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है।
पीठ ने कहा, “हम देश की विदेश नीति संबंधी मामलों में दखल नहीं दे सकते।”
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “क्या हम यह निर्देश दे सकते हैं कि आप संयुक्त राष्ट्र की नरसंहार संधि के तहत इजराइल को निर्यात पर प्रतिबंध लगा दें… इसमें हिचक क्यों? ऐसा इसलिए है, क्योंकि इसका असर विदेश नीति पर पड़ता है और हम नहीं जानते कि इसका क्या प्रभाव होगा।”
अशोक कुमार शर्मा और अन्य ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें केंद्र को इजराइल को हथियार और अन्य सैन्य उपकरणों का निर्यात करने वाली भारतीय कंपनियों के मौजूदा लाइसेंस रद्द करने और नये लाइसेंस न जारी करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
गाजा पट्टी में इजराइल और हमास के बीच युद्ध में हजारों फलस्तीनी मारे गए हैं। पिछले साल सात अक्टूबर को हथियारबंद हमास लड़ाकों ने इजराइल में घुसकर लगभग 1,200 लोगों की जान ले ली थी, जिसके बाद गाजा पट्टी में इजराइल ने जवाबी कार्रवाई की थी और दोनों पक्षों में युद्ध छिड़ गया था।
भाषा पारुल नरेश
नरेश