नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने कथित रूप से मादक पदार्थ के साथ पकड़ी गईं तीन महिलाओं को यह कहते हुए बरी कर दिया कि बरामद नमूनों में कोई नशीला पदार्थ नहीं पाया गया है।
प्रत्येक महिला के पास से कथित तौर पर 12-12 ग्राम स्मैक बरामद की गई थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एकता गौबा मान स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम के तहत अंजू, ललिता और मोनिका के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई कर रही थीं। आईपी एस्टेट पुलिस ने चार मई 2017 को दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशन के पास एक गुप्त सूचना के आधार पर इन तीनों महिलाओं को गिरफ्तार किया था।
अदालत ने 28 अक्टूबर के आदेश में कहा कि पुलिस की जांच ‘‘दोषपूर्ण’’ है क्योंकि बरामदगी के दौरान एक स्वतंत्र गवाह को शामिल नहीं किया गया। अदालत ने इस बात पर भी गौर किया कि अपराध स्थल के कोई भी सीसीटीवी फुटेज पेश नहीं किए गए हैं।
न्यायाधीश ने कहा कि कथित बरामदगी ‘‘कम मात्रा’’ से थोड़ी ही अधिक है।
फॉरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए अदालत ने कहा कि पेश किए गए साक्ष्यों में कोई मादक पदार्थ या ‘ट्रैंक्विलाइजर’ नहीं पाया गया।
अदालत ने कहा, ‘‘इसलिए आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस प्रावधान लागू नहीं किए जा सकते। इससे पूरे अभियोजन पक्ष के मामले की विश्वसनीयता खत्म हो जाती है। आरोपी के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है। इस प्रकार, अभियोजन पक्ष अपने मामले को उचित संदेह से परे साबित करने में विफल रहा है।’’
भाषा खारी वैभव
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