कोरोना वायरस ने खत्म कर दिया वित्तीय वर्ष की क्लोजिंग का रोमांच, अब इस तारीख तक पूरा करना होगा टारगेट, देखिए और कहां मिली मोहलत

कोरोना वायरस ने खत्म कर दिया वित्तीय वर्ष की क्लोजिंग का रोमांच, अब इस तारीख तक पूरा करना होगा टारगेट, देखिए और कहां मिली मोहलत

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  • Publish Date - March 31, 2020 / 07:49 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:21 PM IST

नई दिल्ली । भारत में 31 मार्च का दिन वित्तीय कामकाज के लिहाज से क्लोजिंग का दिन होता है। इस दिन पूरे साल का वित्तीय समायोजन करना होता है। कंपनियां और वर्कर अपना टारगेट पूरा करने के लिए जी जान से जुटे रहते हैं। लेकिन साल 2020 में मामला थोड़ा उलट है। लॉकडाउन की वजह से काम और कारोबार दोनों ठप्प पड़े हैं। सरकार ने भी वित्तीय वर्ष की क्लोजिंग डेट आगे बढ़ा दी है। अब इस तारीख को 30 जून तक बढ़ा दिया गया है। मतलब ये कि जो कामकाज 31 मार्च तक निपटाना था, उसे अब आप 30 जून तक पूरा कर सकते हैं।

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31 मार्ट को खत्म होने वाली कई डेडलाइन भी आगे बढ़ा दी गईं हैं। सरकार ने आधार-पैन लिंक करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 जून 2020 तक कर दी है। इससे पहले कई बार आयकर विभाग ने इसकी डेडलाइन बढ़ाई है।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है। बता दें कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त 2019 थी। 1 सितंबर 2019 से 31 दिसंबर 2019 तक रिटर्न फाइल करने पर अधिकतम जुर्माना 5000 रुपया था। 1 जनवरी से 31 मार्च 2020 तक रिटर्न फाइल करने पर अधिकतम जुर्माना 10 हजार रु होता है। लेकिन अब इसकी डेडलाइन 30 जून तक बढ़ गई है। हालांकि जुर्माने के मोर्चे पर मामूली राहत भी मिली है।

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मोदी सरकार ने लॉकडाउन में कारोबारियों को भी राहत दी है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है। अब कारोबारी मार्च, अप्रैल और मई महीने का जीएसटी रिटर्न 30 जून 2020 तक दाखिल कर सकते हैं। पहले इसकी डेडलाइन 31 मार्च तक थी। केंद्र सरकार ने कंपोजीशन स्कीम का विकल्प चुनने की तारीख भी बढ़ाकर 30 जून कर दी ।

विवाद से विश्वास स्कीम की तारीख को भी बढ़ाकर अब 30 जून कर दिया गया है। पहले इसकी डेडलाइन 31 मार्च थी लेकिन अब 30 जून तक कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा। बता दें कि विवाद से विश्वास का उद्देश्य उन लोगों को राहत देना है जिनकी टैक्स देनदारी को लेकर कई तरह का विवाद है।

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मोदी सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट और रजिस्ट्रेशन जैसे दस्तावेज की वैधता अवधि भी बढ़ा दी है। सरकार का ये फैसला उन ड्राइविंग लाइसेंस पर लागू होगा, जिनकी वैधता 1 फरवरी को खत्म हो चुकी है। इस संबंध में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों को परामर्श भी जारी कर दिया है।

व्हीकल कारोबार से जुड़े डीलर अब बीएस-4 वाहनों को लॉकडाउन खत्म होने के बाद 10 दिन यानी 25 अप्रैल तक बेच सकते हैं। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में आदेश भी दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डीलर सिर्फ 10 फीसदी बीएस-4 वाहनों को लॉकडाउन खत्म होने के बाद 10 दिन के भीतर बेच सकते हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन के लिए 31 मार्च 2020 की डेडलाइन तय की थी।