नेल्लौर। आंध्र प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के इलाज में चमत्कारिक बताई जा रही ‘कृष्णापटनम दवा’ (Krishnapatnam Medicine) की वैज्ञानिक जांच कराने का फैसला किया है, सरकार ने इस दवा का वैज्ञानिक असर जानने के लिए इसे ICMR को भेजने का आदेश दिया है। जिससे इसकी हकीकत पता लगायी जा सके।
read more: भाजपा नेताओं की बड़ी साजिश है कि डॉ रमन सिंह जेल जाएं, टूलकिट मामले को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता विक…
जानकारी के मुताबिक ‘कृष्णापटनम दवा’ आयुर्वेदिक विधि से तैयार की गई है, यह दवा आंध्र प्रदेश के एसपीएस नेल्लोर जिले में वितरित की जा रही है, वहां पर कृष्णापटनम गांव में आयुर्वेदाचार्य बी. आनंदैयासत्ताधारी यह दवा बनाकर लोगों को दे रहे हैं, पार्टी के विधायक और जिलाध्यक्ष के गोवर्धन रेड्डी इस दवा को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
read more: कोरोना को ठेंगा दिखाता छत्तीसगढ़ के इस जिले का ये 18 गांव, अब तक एक…
इस दवा की चर्चा फैलने के बाद अब हजारों लोग कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करके कृष्णापटनम गांव जा रहे हैं, जिससे वे आयुर्वेदाचार्य बी. आनंदैया से यह दवा ले सकें। इस दवा की जानकारी मिलने के बाद आयुष विभाग के चिकित्सकों के एक दल ने कुछ दिन पहले गांव का दौरा कर दवा के बारे में पूछताछ की थी। दौरे के बाद चिकित्सक दल सरकार को एक रिपोर्ट सौंपते हुए कहा था कि दवा बनाने की विधि, उपचार प्रक्रिया और उसके बाद के प्रभावों का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाना चाहिए, टीम ने यह दावा भी किया कि दवा लेने वालों में से किसी ने भी किसी दुष्प्रभाव की शिकायत नहीं की।
read more: छत्तीसगढ़ के इस जिले में बढ़ाया गया लॉकडाउन, कलेक्टर ने जारी किया आ…
चिकित्सक दल ने रिपोर्ट में कहा, ‘एक कोविड-19 मरीज की आंख में दवा की दो बूंदें डालने के बाद उसके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर एक घंटे में 83 से बढ़कर 95 हो गया, हमने मरीजों से बात की है। इस बारे में पता चलने पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) ने केंद्रीय आयुष मंत्री और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के निदेशक से इस दवा के बारे में अध्ययन करने को कहा है, वेंकैया नायडू भी एसपीएस नेल्लोर जिले के रहने वाले हैं।
read more: सीएम बघेल ने जैव विविधता में पुरस्कार पाने वाली संस्था और लोगों का …
उपराष्ट्रपति की ओर से संज्ञान लिए जाने के बाद मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने यहां कोविड-19 संबंधी एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में कृष्णापटनम दवा के बारे में जानकारी हासिल की, उपमुख्यमंत्री (स्वास्थ्य) ए के के श्रीनिवास ने बैठक के बाद कहा, ‘हमने आईसीएमआर और अन्य विशेषज्ञों से इसका अध्ययन कराने का फैसला किया है, जिससे इसके प्रभावी होने का पता लगाया जा सकें’। उन्होंने कहा कि सरकार ने ‘कृष्णापटनम दवा’ के नाम से जानी जाने वाली इस दवा को बनाने की विधि का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञों का एक दल नेल्लोर भेजने का फैसला किया है।’