Corona cases in India : कोरोना ने फिर बदला अपना रुख, कई देशों में बढ़े मामले, आ रही लॉकडाउन की नौबत

Corona cases in India : कोरोना ने फिर बदला अपना रुख, कई देशों में बढ़े मामले, आ रही लॉकडाउन की नौबत

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  • Publish Date - June 15, 2021 / 08:20 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:11 PM IST

Corona cases in India 

नई दिल्ली कोरोना वायरस ने फिर एक बार अपने रुख में बदलावा लाया है, अब इसके नए वेरिएंट का पता चला है, भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार डेल्टा वेरिएंट अब म्यूटेट होकर ‘डेल्टा प्लस’ या AY.1 में तब्दील हो चुका है जो कि वैज्ञानिकों के लिए एक नई चुनौती है, इसी डेल्टा वेरिएंट के डर के दुनिया के कई मुल्कों में पाबंदियों को फिर से लागू करने की नौबत तक आ गई है, भारत में भी कोरोना की दूसरी लहर सबसे ज्यादा घातक साबित हुई है।

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राहत की बात यह है कि भारत में अभी इसे लेकर चिंतित होने की कोई बात नहीं है क्योंकि देश में अब भी इसके बेहद कम मामले हैं, ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट, वायरस के डेल्टा या ‘बी1.617.2’ से म्यूटेट होने से बना है जिसकी पहचान पहली बार भारत में हुई थी, यही वेरिएंट महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था। हालांकि, वायरस के नए वेरिएंट के कारण बीमारी कितनी घातक हो सकती है इसका अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है, डेल्टा प्लस उस ‘मोनोक्लोनल एंटीबाडी कॉकटेल’ उपचार का रोधी है जिसे हाल ही में भारत में मंजूरी मिली है।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”hi” dir=”ltr”>कोरोना वायरस का नया वेरिएंट 2020 के मुकाबले ज़्यादा चालाक हो गया है। अब हमें ज्यादा सावधानी बरतने की ज़रूरत है। हमें ज्यादा सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना होगा। मास्क लगातार पहने रखना होगा। इसके बिना परिस्थिति फिर खराब हो सकती है: डॉ. वीके पॉल, सदस्य- स्वास्थ्य, नीति आयोग <a href=”https://t.co/F8OOhlyP8L”>pic.twitter.com/F8OOhlyP8L</a></p>&mdash; ANI_HindiNews (@AHindinews) <a href=”https://twitter.com/AHindinews/status/1404758422675886082?ref_src=twsrc%5Etfw”>June 15, 2021</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

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दिल्ली स्थित सीएसआईआर- जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आईजीआईबी) में वैज्ञानिक ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि K417N म्यूटेश के कारण B1.617.2 वेरिएंट बना है जिसे AY.1 के नाम से भी जाना जाता है, उन्होंने कहा कि यह म्यूटेशन SARS-CoV-2 के स्पाइक प्रोटीन में हुआ है जो वायरस को मानव कोशिकाओं के भीतर जाकर संक्रमित करने में सहायता करता है। उन्होंने लिखा, ‘भारत में K417N से उपजा वेरिएंट अभी बहुत ज्यादा नहीं है, यह सीक्वेंस ज्यादातर यूरोप, एशिया और अमेरिका से सामने आए हैं।’ स्कारिया ने यह भी कहा कि म्यूटेशन, वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता से भी संबंधित हो सकता है।

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वायरस के नए प्रकार के कारण ‘एंटीबॉडी कॉकटेल’ के टेस्ट को झटका लगा है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वायरस अधिक संक्रामक है या इससे बीमारी और ज्यादा घातक हो जाएगी, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान ने कहा, ‘यह नया वेरिएंट कितना संक्रामक है यह इसके तेजी से फैलने की क्षमता को परखने में अहम होगा या इसका उलट भी हो सकता है।’ नए वेरिएंट से संक्रमित किसी व्यक्ति में रोगाणुओं से कोशिकाओं का बचाव करने वाले एंटीबॉडी की गुणवत्ता और संख्या म्यूटेशन के कारण प्रभावित होने की आशंका नहीं है, श्वास रोग विशेषज्ञ और चिकित्सा अनुसंधानकर्ता अनुराग अग्रवाल ने विनीता बल की बात का समर्थन किया।

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