नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को उत्तराखंड सरकार को कॉर्बेट बाघ अभयारण्य में अवैध निर्माण के आरोपी वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ ‘‘धीमी’’ गति से कार्रवाई करने के लिए फटकार लगाई।
विभागीय कार्यवाही तीन महीने के भीतर पूरी करने का आदेश देते हुए न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने राज्य के इस कदम पर नाखुशी जतायी कि राज्य सरकार कनिष्ठ स्तर के अधिकारियों के खिलाफ तो तेजी से कार्रवाई करती है, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ ‘‘धीमी’’ गति से कार्रवाई करती है।
न्यायालय ने राज्य सरकार के हलफनामे पर गौर किया जिसमें अधिकारियों के खिलाफ शुरू की गई विभागीय कार्यवाही के बारे में विस्तार से बताया गया है।
न्यायालय ने अपने समक्ष पेश चार्ट का जिक्र करते हुए कहा कि 17 में से 16 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही पूरी कर ली गई है, जो रेंजर, उप रेंजर आदि रैंक के थे। हालांकि, दुर्भाग्य से एक अधिकारी की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।
पीठ ने कहा कि एक अन्य चार्ट से पता चलता है कि वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही बहुत धीमी गति से चल रही है।
पीठ ने कहा, ‘‘इसलिए हम राज्य सरकार को निर्देश देते हैं कि वह सभी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही आज से तीन महीने के भीतर पूरी कर ले।’’
पीठ ने मामले की सुनवाई तीन महीने बाद के लिए तय की।
भाषा शफीक देवेंद्र
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