क्षत्रिय से मुसलमान बना.. फिर 1 हजार से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराया.. जानिए उमर गौतम के बारे में

क्षत्रिय से मुसलमान बना.. फिर 1 हजार से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराया.. जानिए उमर गौतम के बारे में

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  • Publish Date - June 22, 2021 / 07:37 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:21 PM IST

फतेहपुर। धर्मांतरण कराने के आरोप में नोएडा से गिरफ्तार दो मौलानाओं में से एक उमर गौतम भी है। गौतम मूल रूप से फतेहपुर जिले के थरियांव थाना क्षेत्र के पंथुआ गांव का रहने वाला है। उमर गौतम की गिरफ्तारी की खबर के बाद उसके पैतृक गांव में मजमा लग गया। लोग तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे थे। इसी बीच थरियांव पुलिस भी उमर के घर पहुंची और चचेरे भाइयों से पूछताछ कर छानबीन शुरू कर दी।

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एक साल बीतने के बाद जब उमर गौतम उर्फ श्याम प्रताप सिंह द्वारा धर्म परिवर्तन करने की जानकारी उसके परिवार वालों को हुई तो वह उससे बहुत नाराज हुए। इसके बाद से उमर साल दो साल में अक्सर गांव आता-जाता रहा, लेकिन उससे ज्यादा कोई लगाव व बातचीत नहीं करता था। उसके धर्म परिवर्तन से परिवार के अलावा गांव का राजपूत समाज भी बहुत नाराज था।पिता के अंतिम संस्कार में भी नहीं पहुंचा था।

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उमर गौतम उर्फ श्याम प्रताप सिंह के चचेरे भाई राजू सिंह ने बताया कि उमर गांव में रहकर हाई स्कूल तक की पढ़ाई की थी। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई करने के लिए सन 1979 में फ़तेहपुर शहर छोड़कर नैनीताल के पंतनगर चला गया था और वहां से वर्षों बाद लौटा तो दिल्ली में शिफ्ट हो गया था।

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सन 1982 में उमर वापस अपने पैतृक गांव पंथुआ आया और गाजीपुर थाना क्षेत्र के खेसहन गांव में छत्रपाल सिंह की बेटी राजेश कुमारी से शादी करने के कुछ दिन बाद ही पत्नी को लेकर वापस दिल्ली चला गया।  उमर गौतम का एक संदिग्ध ट्विटर अकाउंट भी सामने आया है, जिसमें वह खुद को प्रधानमंत्री स्वर्गीय वीपी सिंह का भतीजा बताया है। साथ ही 20 साल पहले इस्लाम कबूल करने की बात भी कही है।

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उमर के चचेरे भाई राजू सिंह के मुताबिक उसकी शादी भी खेसहन गांव के राजपूत घराने में हुई थी। उमर के पिता धनराज सिंह की मौत करीब डेढ़ वर्ष पहले हुई, लेकिन वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी नहीं आया था। उमर उर्फ श्याम प्रताप सिंह 6 भाइयों में चौथे नंबर का है।

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पहला भाई उदय राज प्रताप सिंह, दूसरा भाई उदय प्रताप सिंह, तीसरा भाई उदय नाथ सिंह, चौथा उमर उर्फ़ श्याम प्रताप सिंह, पांचवा श्रीनाथ सिंह व छठवें नंबर के स्वर्गीय ध्रुव प्रताप सिंह थे। सभी भाइयों के बीच लगभग 75 बीघा खेत है, जिसका अभी खानगी बंटवारा भी नहीं हुआ है। सभी भाई बाहर रहते हैं। गांव में सिर्फ चचेरे भाई ही रहते हैं।