मुस्लिम सशक्तीकरण पर बंगाल के मंत्री हकीम की टिप्पणी को लेकर विवाद |

मुस्लिम सशक्तीकरण पर बंगाल के मंत्री हकीम की टिप्पणी को लेकर विवाद

मुस्लिम सशक्तीकरण पर बंगाल के मंत्री हकीम की टिप्पणी को लेकर विवाद

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Modified Date: December 14, 2024 / 10:45 PM IST
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Published Date: December 14, 2024 10:45 pm IST

कोलकाता, 14 दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि मुसलमानों को ऐसी स्थिति में पहुंचने की दिशा में काम करने की जरूरत है जहां उनकी ‘‘आवाज स्वत: सुनी जाए’’ और न्याय तथा विकास की उनकी मांगें पूरी हों।

यहां अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए एक कार्यक्रम में शुक्रवार को नगरपालिका मामले और शहरी विकास मंत्री ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में हम 33 प्रतिशत हैं और देशभर में हम 17 प्रतिशत हैं। हम संख्यात्मक रूप से अल्पसंख्यक हो सकते हैं, लेकिन अल्लाह की कृपा से, हम इतने सशक्त हो सकते हैं कि हमें न्याय के लिए मोमबत्ती जलाकर रैलियां निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हम ऐसी स्थिति में होंगे जहां हमारी आवाजें स्वत: सुनी जाएंगी और न्याय की हमारी मांग का जवाब दिया जाएगा।’’

कार्यक्रम में उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में कम मुस्लिम न्यायाधीशों की ओर इशारा करते हुए न्यायपालिका में मुसलमानों के कम प्रतिनिधित्व पर भी प्रकाश डाला।

हकीम ने सुझाव दिया कि सशक्तीकरण और कड़ी मेहनत के माध्यम से इस अंतर को पाटा जा सकता है।

उनके भाषण का एक वीडियो वायरल हुआ है, लेकिन इसकी प्रामाणिकता की ‘पीटीआई-भाषा’ द्वारा स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी।

भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रभारी अमित मालवीय ने हकीम के बयान की आलोचना करते हुए उन पर यह कहने का आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल और भारत में जल्द ही मुस्लिम बहुसंख्यक होंगे। उन्होंने दावा किया कि हकीम की दृष्टि मुसलमानों को न्याय अपने हाथों में लेने का संकेत देती है, जो संभावित रूप से शरिया कानून के लिए समर्थन का संकेत है।

मालवीय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कोलकाता के महापौर फिरहाद हकीम ने पहले गैर-मुसलमानों को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताकर और हिंदुओं को इस्लाम में परिवर्तित करने के दावत-ए-इस्लाम के प्रयासों का समर्थन करके अपने असली इरादों का खुलासा किया था। उन्होंने अब दावा किया है कि पश्चिम बंगाल के साथ शेष भारत में जल्द ही मुस्लिम बहुसंख्यक होंगे।

इसके जवाब में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रवक्ता कुणाल घोष ने हकीम का बचाव करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणियों की गलत व्याख्या की गई है।

भाषा संतोष नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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