लखनऊ। सपा नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर से एक विवादित बयान दे डाला है। रामचरितमानस को बैन किए जाने की मांग के बाद अब उन्हेांने बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री को दिमागी दिवालिया और मंदबुद्धि करार दिया है। इसके साथ ही पुजारियों और महंतों पर भी मौर्य ने हमला बोला है। वहीं, समाजवादी पार्टी नेता ने पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को पद्मविभूषण दिए जाने को लेकर भी मौर्य ने केंद्र सरकार पर करारा हमला बोला है।
बता दें कि रामचरितमानस पर अभद्र टिप्पणी के मामले में समाजवादी पार्टी के एमएलसी पर मामला दर्ज हो चुका है। लगातार हंगामा बढ़ने और सपा में ही उनकी टिप्पणी पर दो अलग अलग राय होने के बाद भी वे अपने बयान को सही साबित कर रहे हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य के अनुसार उन्हेांने कोई आपत्तिजनक बात नहीं की है और अपनी बात पर आज भी कायम हैं। उन्होंने कहा कि संत, महंतों, धर्माचार्यों को अगर गाली अच्छी नहीं लगती हैं, तो हमको गाली कैसे अच्छी लगेगी? अखिलेश यादव के खुद से नाराज नहीं होने की बात भी वे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर अखिलेश मुझसे नाराज होते तो कुछ कहते।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि अभी तक शूद्र वर्ण व्यवस्था का एक अंग था। अब हनुमान धाम के शास्त्री के अनुसार संतुलन खोने वाला शूद्र होता है। मतलब यह मान लें कि मेरे बयान पर जिन संतों, महंतों,धर्माचार्यों व जाति विशेष ने पागलों की तरह संतुलन खोकर अनाप-शनाप कहा है, वह सभी शूद्र और नीच हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य के अब इसी बयान पर बहस शुरू हो गई है। इससे पहले मौर्य ने कहा था कि जाति विशेष के लोग ही हमारा विरोध कर रहे हैं।
स्वामी मौर्य ने कहा कि पंडे, पुजारियों को इस बात का डर सता रहा है कि मेरे कहने से दलित- पिछड़े एक हो गए तो लोग मंदिर आना बंद कर देंगे। इससे चढ़ावा और पेट पूजा बंद हो जाएगी। उनका धंधा ठप हो जाएगा। रामचरितमानस को बकवास बताते हुए वे कहते हैं कि यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा था।
वहीं मौर्य ने समाजवादी पार्टी के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत पद्मविभूषण सम्मान दिए जाने पर करारा हमला बोला है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए कहा कि भारत सरकार ने नेताजी मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत पद्मविभूषण सम्मान देकर उनके योगदान का उपहास उड़ाया है। मौर्य ने आरोप लगाया कि नेताजी का व्यक्तित्व, कृतित्व और राष्ट्र के लिए किए गए कार्यों को नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि नेताजी का सम्मान करना ही था तो भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया जाना चाहिए था।
मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण का सम्मान देकर उनके व्यक्तित्व और देश के प्रति किए गए योगदान का मजाक उड़ाया है। नेता जी को अगर सम्मानित करना ही था तो भारत रत्न के सम्मान से सम्मानित करना था। ये भाजपा की घटिया सोच दर्शाता है: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य, प्रतापगढ़ pic.twitter.com/3h5esCW8cO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 26, 2023
read more: बजट से राज्यों के प्रति केंद्र का राजकोषीय दृष्टिकोण सही होने की उम्मीद: केरल के वित्त मंत्री