ठेकेदार आत्महत्या मामला : भाजपा ने मंत्री प्रियंक खरगे के खिलाफ किया प्रदर्शन, इस्तीफे की मांग

ठेकेदार आत्महत्या मामला : भाजपा ने मंत्री प्रियंक खरगे के खिलाफ किया प्रदर्शन, इस्तीफे की मांग

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  • Publish Date - January 4, 2025 / 04:02 PM IST,
    Updated On - January 4, 2025 / 04:02 PM IST

कलबुर्गी (कर्नाटक), चार जनवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बीदर के एक सिविल ठेकेदार की आत्महत्या के मामले में शनिवार को मंत्री प्रियंक खरगे के इस्तीफे की मांग को लेकर यहां विरोध प्रदर्शन किया।

भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र, कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक, विधान परिषद में विपक्ष के नेता चालवडी नारायणस्वामी ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया।

कड़ी सुरक्षा के बीच भाजपा नेता बड़ी संख्या में जगत सर्किल पर एकत्र हुए और हाथों में तख्तियां लेकर मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की।

भाजपा द्वारा प्रियंक खरगे के आवास को घेरने की योजना के चलते, मंत्री ने एक अनोखे तरीके से उनका मुकाबला करने का फैसला किया। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए एहतियात के तौर पर आवास के बाहर पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया था।

खरगे के एक समर्थक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने प्रदर्शन के कारण थकने वाले भाजपा नेताओं के लिए नारियल, कॉफी, चाय, बोतलबंद पेयजल की व्यवस्था की है।’’

प्रियंक ने विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए संवाददाताओं से कहा कि न तो वह और न ही सरकार विपक्ष की मांग और दबाव की रणनीति के आगे झुकेगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं के खिलाफ कई मामले हैं, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज मामला भी शामिल है।

येदियुरप्पा भाजपा के प्रदेश प्रमुख बी वाई विजयेंद्र और शिवमोग्गा के सांसद बी वाई राघवेंद्र के पिता हैं।

कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस पर दबाव बढ़ाते हुए भाजपा ने ठेकेदार की आत्महत्या की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने और खरगे के इस्तीफे की मांग दोहराई है।

सिविल ठेकेदार सचिन पंचाल ने 26 दिसंबर को बीदर जिले में चलती ट्रेन के आगे लेटकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली।

पंचाल ने सुसाइड नोट में प्रियंक खरगे के करीबी राजू कपनूर पर आरोप लगाया कि उन्होंने उन्हें यह कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर किया। ठेकेदार ने आरोप लगाया कि उन्हें कपनूर को एक करोड़ रुपये देने के लिए जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं, जिन्होंने आरोपों को अस्वीकार कर दिया।

भाषा धीरज सुरेश

सुरेश