संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा है, इसने भारत को मजबूत एवं स्थिर बनाया है: न्यायमूर्ति गवई

संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा है, इसने भारत को मजबूत एवं स्थिर बनाया है: न्यायमूर्ति गवई

संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा है, इसने भारत को मजबूत एवं स्थिर बनाया है: न्यायमूर्ति गवई
Modified Date: April 15, 2025 / 12:46 am IST
Published Date: April 15, 2025 12:46 am IST

नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बी आर गवई ने संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर को उनकी 135वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए सोमवार को कहा कि भारतीय संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा है और इसने देश को मजबूत, स्थिर एवं एकजुट बनाया है।

प्रधान न्यायाधीश के बाद शीर्ष अदालत के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश गवई ने डॉ. आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में आयोजित प्रथम ‘डॉ. आंबेडकर स्मृति व्याख्यान’ के दौरान कहा कि आंबेडकर ‘‘देश के महानतम सपूतों में से एक’’ और ‘‘दूरदर्शी’’ थे जिन्होंने एक अर्थशास्त्री, एक समाज सुधारक और एक शिक्षाविद् के रूप में विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दिया।

न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि देशवासी भारत के संविधान निर्माता के रूप में उनके महानतम योगदान को हमेशा याद रखेंगे।

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उन्होंने संविधान तैयार करने में आंबेडकर के योगदान पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि सभी अंगों यानी विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका द्वारा संविधान के कामकाज की पिछले 75 वर्षों की यात्रा संतोषजनक रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘डॉ. आंबेडकर का संविधान सभा में शुरुआती प्रवेश केवल अनुसूचित जातियों, शोषितों और दलितों के हितों की रक्षा के लिए था तथा आज जब हम उनकी जयंती मना रहे हैं तो मैं इस देश को एक ऐसा संविधान देने में उनके अमूल्य योगदान को याद करता हूं, जो न केवल पिछले 75 साल से समय की कसौटी पर खरा उतरा है बल्कि यह एक ऐसा संविधान है जिसने भारत को मजबूत, स्थिर और एकजुट बनाया है।’’

भाषा सिम्मी सुभाष

सुभाष


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