नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) गणतंत्र दिवस परेड में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की झांकी में भारत के संविधान के प्रति सम्मान व्यक्त करने के साथ इसे देश की विरासत, विकास और भविष्य के लिए मार्गदर्शन की आधारशिला के रूप में चित्रित किया गया।
झांकी में न्याय, समानता और स्वतंत्रता के सार को दर्शाया गया, जिसमें दिखाया गया कि कैसे संविधान भारत को एक एकजुट, प्रगतिशील और समावेशी समाज के रूप में आकार दे रहा है।
झांकी का केंद्रबिंदु संविधान की प्रतिकृति थी, जिसकी प्रस्तावना हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रमुखता से प्रदर्शित थी।
इस झांकी में संविधान को अंगीकार किए जाने के 75 साल पूरे होने की झलक भी दिखी।
झांकी के किनारों पर अद्वितीय कलाकृति थीं जो भारत की विविधता और गतिशील भावना को दर्शाती हैं।
‘‘वी द पीपुल’ (हम लोग) रूपी शिलालेख के माध्यम से देश की पहचान को परिभाषित करने और एक सूत्र में पिरोने में संविधान की भूमिका को रेखांकित किया गया।
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