बजट में विपक्ष शासित राज्यों के साथ ‘भेदभाव’ को लेकर संसद में विरोध जताएंगे ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक

बजट में विपक्ष शासित राज्यों के साथ ‘भेदभाव’ को लेकर संसद में विरोध जताएंगे ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक

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  • Publish Date - July 23, 2024 / 08:37 PM IST,
    Updated On - July 23, 2024 / 08:37 PM IST

नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने मंगलवार को फैसला किया कि वे केंद्रीय बजट में विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों के साथ किए गए ‘भेदभाव और अन्याय’ के खिलाफ बुधवार को संसद के बाहर और भीतर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास ‘10 राजाजी मार्ग’ पर ‘इंडिया’गठबंधन के घटक दलों के सदन में नेताओं की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

इस बैठक में खरगे के अलावा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी, पार्टी महासचिव जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार, द्रमुक नेता टी आर बालू, शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन एवं कल्याण बनर्जी, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह एवं राघव चड्ढा और कई अन्य दलों के नेता शामिल थे।

बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बैठक में बजट पर विस्तृत चर्चा की गई। बजट में हिंदुस्तान के तीन चौथाई राज्यों खासकर गैर-भाजपा शासित राज्यों की अनदेखी की गई है। हम संसद के बाहर और भीतर अपनी आवाज उठाएंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह अन्याय है। यह संघीय ढांचे के खिलाफ बजट है।’’

तिवारी ने दावा किया, ‘‘यह भारतीय जनता पार्टी का बजट नहीं है, भारत सरकार का बजट है। लेकिन इसे ऐसे पेश किया गया कि मानो यह भाजपा का बजट हो।’’

वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘इस सरकार ने बजट की अवधारणा को पहले ही नष्ट कर दिया है। अधिकतर राज्यों के साथ पूरी तरह से भेदभाव किया है। इसलिए इसका विरोध कैसे किया जाए, इस पर ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में चर्चा हुई।’’

कांग्रेस महासचिव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘ 27 जुलाई को नीति आयोग की होने वाली बैठक का कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री बहिष्कार करेंगे।’’ उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि संवैधानिक सिद्धांतों के प्रति इस सरकार का रवैया पूरी तरह से ‘अनैतिक’ है।

इससे पहले द्रविड़ मुनेत्र कषगम(द्रमुक) के अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के.स्टालिन ने भी नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की थी।

भाषा हक हक धीरज

धीरज