महू (मप्र), 26 जनवरी (भाषा) कांग्रेस सोमवार को मध्यप्रदेश के इस शहर में एक रैली करेगी जो भीमराव आंबेडकर की जन्मस्थली है। इस रैली का उद्देश्य सामाजिक न्याय के मुद्दे को उठाना और संविधान के मुख्य निर्माता के कथित अपमान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरना है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, जयराम रमेश और के सी वेणुगोपाल समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं के ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली में शामिल होना है।
राहुल गांधी पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ हैं और पिछले सप्ताह कर्नाटक के बेलगावी में ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली और दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार में भाग नहीं ले सके थे। इस महीने की शुरूआत में राष्ट्रीय राजधानी में अपने संबोधन के बाद वह दूसरी ऐसी रैली को संबोधित करेंगे।
कांग्रेस अपने सामाजिक न्याय के मुद्दे को मजबूत करने का प्रयास कर रही है और आरोप लगा रही है कि संविधान पर हमला हो रहा है।
कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश मांग कर रहे हैं कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को ‘‘स्वतंत्रता आंदोलन पर दिए गए राष्ट्र-विरोधी बयान’’ के लिए माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने दावा किया है कि महात्मा गांधी का ‘‘अपमान’’ किया जा रहा है और आंबेडकर पर ‘‘हमला’’ किया जा रहा है।
रमेश ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है और संसद में विपक्ष द्वारा आंबेडकर का नाम लेने पर की गई उनकी टिप्पणी के लिए उनसे माफी मांगने को कहा है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने भागवत की इस टिप्पणी को ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ बताया है कि भारत को सच्ची स्वतंत्रता राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन मिली और बयान को लेकर माफी की मांग की।
कांग्रेस ने कई बार-बार आरोप लगाया है कि दिसंबर में शीतकालीन सत्र के दौरान संविधान पर बहस के दौरान राज्यसभा में शाह की टिप्पणियों से पता चलता है कि भाजपा और आरएसएस नेताओं में आंबेडकर के लिए ‘‘बहुत नफरत’’ है और उन्होंने उनसे माफी की मांग की।
पार्टी के एक परिपत्र में कहा गया है कि महू में रैली संविधान की 75वीं वर्षगांठ और भारत के गणतंत्र की स्थापना का जश्न मनाएगी और इसके साथ बाबासाहेब आंबेडकर की विरासत पर कथित हमले के विषय को भी उठाएगी।
कांग्रेस सामाजिक न्याय को अपना केंद्रीय मुद्दा बनाने के लिए जोरदार प्रयास कर रही है, राहुल गांधी बार-बार कांग्रेस की देशव्यापी जाति जनगणना और आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने की मांग के बारे में बात करते रहे हैं।
इस महीने की शुरुआत में दिल्ली में ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली में राहुल गांधी ने वादा किया था कि अगर कांग्रेस राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में आती है तो वह जाति सर्वेक्षण कराएगी।
उन्होंने कहा था कांग्रेस अपनी राजनीति में स्पष्ट है कि देश में हर कोई समान है। उन्होंने विश्वास जताया था कि ‘‘घृणा पर प्रेम की जीत होगी।’’ उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी कि ‘‘अदाणी और अंबानी जैसे अरबपतियों को सब कुछ नियंत्रित करें जबकि गरीब लोग पीड़ित रहें।’’
भाषा अमित रंजन
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