नई दिल्ली। S Jaishankar in Parliament : देश में संविधान के 75 साल पूरे होने पर चर्चा की शुरुआत लोकसभा में हो चुकी है। इस बीच, लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “किसी ने जो लिखा है, उसका उत्तर किसी और को देना चाहिए। मैं सरकार की ओर से उत्तर दे सकता हूँ। मैंने भारत चीन सीमा क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी और हाल के घटनाक्रमों पर बहुत विस्तृत वक्तव्य दिया था।
उस वक्तव्य में, मैंने इस बात पर प्रकाश डाला था कि सैनिकों की वापसी के लिए अंतिम समझौता हुआ था, जो देपसांग और डेमचोक से संबंधित था। मैं माननीय सदस्य को यह भी बताना चाहूंगा कि वक्तव्य में यह भी कहा गया था कि भारतीय सुरक्षा बल देपसांग में सभी गश्त बिंदुओं पर जाएंगे और पूर्व की ओर जाएंगे, जो ऐतिहासिक रूप से उस हिस्से में हमारी गश्त की सीमा रही है।”
#WATCH | Responding to a question by Congress MP Manish Tewari in the Lok Sabha, EAM Dr S Jaishankar says “…What somebody wrote as a paper is for that somebody to answer for. I can answer for the government. I gave a very detailed statement on the disengagement and recent… pic.twitter.com/mcMqrNjEU3
— ANI (@ANI) December 13, 2024
वहीं बांग्लादेश पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर भारत चिंतित है और उम्मीद करता है कि ढाका अपने खुद के हित में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाएगा। उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के उत्तर देते हुए यह भी कहा कि भारत, पाकिस्तान के साथ ‘आतंकवाद मुक्त’ संबंध चाहता है और ऐसे में ‘‘गेंद इस्लामाबाद के पाले में है’’।
हैदराबाद से लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है? इस पर विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘बांग्लादेश की यह स्थिति चिंता का विषय है। अल्पसंख्यकों पर हमले की कई घटनाएं हुई हैं। हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश खुद के हित में ऐसे कदम उठाएगा कि अल्पसंख्यक सुरक्षित रहें।’’ जयशंकर का कहना था कि बांगलादेश के साथ विकास परियोजनाओं का अच्छा इतिहास है और उम्मीद है कि वहां नए प्रशासन के आने के बाद परस्पर सम्मान और लाभ वाला संबंध होगा।
डॉ. एस जयशंकर ने लोकसभा में भारत-चीन सीमा पर सैनिकों की वापसी, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, और पाकिस्तान के साथ आतंकवाद मुक्त संबंधों पर अपने विचार व्यक्त किए।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के सुरक्षा को लेकर चिंतित है और उम्मीद करता है कि बांग्लादेश अपने हित में इस मामले में कदम उठाएगा।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत, पाकिस्तान के साथ आतंकवाद मुक्त संबंध चाहता है और यह भारत की तरफ से एक सकारात्मक पहल है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘गेंद इस्लामाबाद के पाले में है’’।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारतीय सुरक्षा बल देपसांग में अपने ऐतिहासिक गश्त बिंदुओं पर जाएंगे और चीन के साथ सीमा विवाद का समाधान किया गया है। उन्होंने इसे एक समझौता बताया और इस पर विस्तार से वक्तव्य दिया।
ओवैसी के सवाल पर डॉ. जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले चिंता का विषय हैं और भारत उम्मीद करता है कि बांग्लादेश अपने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाएगा।
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