कांग्रेस ने सदन से किया वॉक आउट, सांसद अधीर रंजन चौधरी बोले- ये देश सिर्फ राजनाथ सिंह का नहीं, हम सबका है

कांग्रेस ने सदन से किया वॉक आउट, सांसद अधीर रंजन चौधरी बोले- ये देश सिर्फ राजनाथ सिंह का नहीं, हम सबका है

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  • Publish Date - September 15, 2020 / 01:14 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन था। सदन के दूसरे दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी अतिक्रमण को लेकर बयान दिया। राजनाथ सिंह के संबोधन के बाद कांग्रेस के सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। सदन के बाहर आने के बाद नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि ये देश सिर्फ राजनाथ सिंहजी का नहीं, ये देश हम सबका है।

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नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पार्टी चाहती है कि सरकार प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श की परंपरा का पालन करे। 1962 के युद्ध में, अटल बिहारी वाजपेयी ने युद्ध पर चर्चा की मांग की थी। तब पीएम जवाहर लाल नेहरू ने संसद में दो दिनों की चर्चा के लिए सहमति दी थी। हम चाहते थे कि इसी परंपरा का पालन किया जाए। हम चर्चा की मांग शुरू दिन से कर रहे हैं। जब पता चला कि चर्चा करने नहीं देंगे तो हमने अपनी बात रखने का हर संभव प्रयास भी किया। इनकी एक के बाद एक मीटिंग तो होती हैं पर कोई नतीजा नहीं निकलता।

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कांग्रेस सांसद ने कहा कि, 190 नियम के तहत, मैंने दो नोटिस दिए थे लेकिन हमारी दलीलों को अनसुना कर दिया गया। हमें अनुमति नहीं दी गई क्योंकि सरकार को हमारे सवालों से डर लग रहा है। उन्होंने सवाल किया, राजनाथ सिंह ने सदन में जवानों के सम्मान में प्रस्ताव रखा तो प्रधानमंत्री को सदन में होना चाहिए था। वह सदन में मौजूद क्यों नहीं थे? चौधरी ने आरोप लगाया कि सरकार चर्चा से डरती है क्योंकि उसके पास कोई जवाब नहीं है। हमारी मांग सिर्फ एक ही है कि देश हमारा भी है, ये देश सिर्फ राजनाथ सिंह जी का नहीं, ये देश हम सबका है। कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि हमारे नेता अधीर रंजन चौधरी सैनिकों को एकजुटता का संदेश देना चाहते थे और चीन को कड़ी चेतावनी देना चाहते थे कि वे हमारे धैर्य की परीक्षा न लें। सरकार को लगता है कि केवल वो ही सेना के समर्थन में बोल सकती है।

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बता दें कि मानसून सत्र के दूसरे दिन संसद में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एलएसी पर शांति रखते हुए चीन के साथ वार्ता जारी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद काफी जटिल मुद्दा है। एलएसी पर दोनों देशों की अलग-अलग राय है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सेनाओं ने मई-जून में चीन के सीमा बदलने के प्रयास का मुंहतोड़ जवाब दिया।

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उन्होने कहा कि हमारी सेना ने चीन की इस मंशा को पहले ही भांप लिया था। चीन की तरफ से इस मुद्दे पर गंभीरता की साथ डील किया जाना चाहिए। चीन ने गलवान के बाद पैंगोग में भी सीमा को बदलने का प्रयास किया था, लेकिन हमारी सेना ने इस प्रयास को भी विफल कर दिया था। राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सेना डटकर स्थिति का मुकाबला कर रही है। राजनाथ ने कहा कि कोविड-19 के संकटकालीन समय में आईटीबीपी बहादुरी से डटी हुई है।

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