Opposition walkout from the House: नई दिल्ली। राज्यसभा में पीएम मोदी के भाषण के दौरान विपक्ष ने खूब हंगामा किया। इसके बावजूद पीएम मोदी अपना भाषण देते रहे, जिसके बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर लिया। बता दें कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री के बोलने के दौरान विपक्षी सांसदों के राज्यसभा से बाहर चले जाने पर कांग्रेस नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम इसलिए बाहर आ गए क्योंकि प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सदन को संबोधित कर रहे थे और उन्होंने सदन को कुछ गलत बातें बताईं। झूठ बोलना और सच्चाई से परे बातें कहना उनकी आदत है।
खरगे ने आगे कहा कि मैंने उनसे सिर्फ यही पूछा था, जब वह संविधान के बारे में बोल रहे थे आज जो संविधान को बचाने के लिए ढिंढोरा पीट रहे हैं। तब मैंने कहा कि आपने संविधान नहीं बनाया, आप लोग इसके खिलाफ थे। मैं सिर्फ यह स्पष्ट कर रहा था कि कौन लोग संविधान के पक्ष में थे और कौन संविधान के खिलाफ थे। उन्होंने (आरएसएस) संविधान का विरोध किया है, उन्होंने बीआर अंबेडकर और पंडित नेहरू का पुतला जलाया। वह बार-बार कहते हैं कि हमने बीआर अंबेडकर का अपमान किया, उन्होंने वहां (लोकसभा में) यह कहा था और वह आज भी यही कह रहे हैं। मैं बताना चाहता था कि बाबा साहब ने संविधान सभा में क्या कहा है और आरएसएस ने क्या कहा है और ऑर्गनाइजर में उनके लोग क्या बोले हैं वो सब बताना चाहता था।
राज्यसभा से विपक्ष के वॉकआउट पर कांग्रेस नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा…
”हम इसलिए बाहर आ गए क्योंकि प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सदन को संबोधित कर रहे थे और उन्होंने सदन को कुछ गलत बातें बताईं। झूठ बोलना और सच्चाई से परे बातें कहना… pic.twitter.com/cXaY6Aqqnj — IBC24 News (@IBC24News) July 3, 2024
Opposition walkout from the House: वहीं विपक्ष के वॉकआउट पर राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मैंने उनसे अनुरोध किया कि विपक्ष के नेता को बिना किसी रुकावट के बोलने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए। आज उन्होंने सदन को नहीं बल्कि गरिमा को पीछे छोड़ा है। आज उन्होंने मुझे पीठ नहीं दिखाई है बल्कि भारत के संविधान को पीठ दिखाई। उन्होंने मेरा या आपका अपमान नहीं किया बल्कि उन्होंने जो संविधान की शपथ ली थी उसका अपमान किया है। भारत के संविधान का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता। मैं उनके आचरण की निंदा करता हूं। यह एक अवसर है जहां उन्होंने भारतीय संविधान को चुनौती दी है। उन्होंने भारतीय संविधान की भावना को अपमानित किया है, उन्होंने जो शपथ ली थी उसकी अवहेलना की है। भारतीय संविधान आपके हाथ में पकड़ने वाली चीज़ नहीं है, यह जीवन जीने की किताब है। मुझे आशा है कि वे आत्मचिंतन करेंगे और कर्तव्य पथ पर चलेंगे।