Free Ration Scheme: ‘जिस कानून का विरोध किया, 8 साल बाद उसी कानून को नया नाम देकर श्रेय ले रहे पीएम मोदी..’, कांग्रेस नेता ने बोला बड़ा हमला

Free Ration Scheme: 'जिस कानून का विरोध किया, 8 साल बाद उसी कानून को नया नाम देकर श्रेय ले रहे पीएम मोदी..', कांग्रेस नेता ने बोला बड़ा हमला

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  • Publish Date - May 11, 2024 / 03:39 PM IST,
    Updated On - May 11, 2024 / 03:48 PM IST

Free Ration Scheme: नई दिल्ली। देश में तीन चरणों पर लोकसभा चुनाव संपन्न हो गए हैं। चुनाव के बीच राजनीतिक पार्टियां प्रचार के दौरान कभी उनकी योजनाओं पर तो कभी एक दूसरे के बयानों पर पटलवार जमकर निशाना साध रही है। इसी बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता जयराम रमेश का एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा है।

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कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, कि प्रधानमंत्री बार-बार अपने भाषणों में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का श्रेय लेते हैं।  मुफ्त राशन का बात करते हैं। 80 करोड़ भारतवासियों को मुफ्त राशन मिल रहा है। असलियत क्या है? असलियत ये है कि प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण योजना नाम है राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून का और ये राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून बना पार्लियामेंट में जो सितंबर 2013 में पारित हुआ, जब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे। और उस कानून का विरोध किसने किया?

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प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में इस जुमले के होर्डिंग्स लगवा दिए हैं कि वह ’80 करोड़ लोगों को मुफ़्त राशन’ दे रहे हैं। वास्तव में, राशन 2013 के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदान किया जाता है, जिसे डॉ. मनमोहन सिंह ने पारित किया था और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका विरोध किया था। ये है PM मोदी के महाजुमले की हकीकत। प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) की रीब्रांडिंग के अलावा कुछ और नहीं है, जो पहले से ही 95 करोड़ भारतीयों को कवर करता था।

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7 अगस्त 2013 को लिखे एक पत्र में, गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी जी ने एनएफएसए का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि ”केंद्र और राज्य सरकारों को अव्यवहारिक वैधानिक जिम्मेदारियां सौंप दी गई हैं।” 2013 में यूपीए द्वारा पारित एनएफएसए, भारत के इतिहास का सबसे ऐतिहासिक और महत्त्वपूर्ण कानून में से एक था। इसके तहत 75% ग्रामीण और 50% शहरी भारतीयों को कानूनी अधिकार के रूप में सब्सिडी वाले राशन की गारंटी मिली थी।

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Free Ration Scheme: आज जब आबादी 141 करोड़ है तब, इसके तहत 95 करोड़ लोगों को सब्सिडी वाला राशन मिलना चाहिए। लेकिन, 2021 में जनगणना कराने में मोदी सरकार की विफलता के कारण, आज केवल 81 करोड़ लोगों को राशन मिल रहा है। 14 करोड़ भारतीय जो कानूनी तौर पर राशन के हक़दार हैं, मोदी सरकार की इस विफलता के कारण अपने अधिकारों से वंचित हो रहे हैं।

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