हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना में कांग्रेस सरकारें वित्तीय संकट में हैं: किशन रेड्डी

हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना में कांग्रेस सरकारें वित्तीय संकट में हैं: किशन रेड्डी

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  • Publish Date - October 3, 2024 / 01:37 PM IST,
    Updated On - October 3, 2024 / 01:37 PM IST

हैदराबाद, तीन अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तेलंगाना इकाई के प्रमुख जी किशन रेड्डी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकारें गहरे वित्तीय संकट में हैं और चुनावी वादों को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं जबकि तेलंगाना में भी सरकार के ऐसी ही स्थिति में पहुंचने की आशंका है।

रेड्डी ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आश्वासन दिया कि भाजपा उन गरीब लोगों के साथ खड़ी रहेगी जिनके घरों को कथित तौर पर ‘‘मूसी नदी के सौंदर्यीकरण’’ के नाम पर अधिकारियों द्वारा गिराया जा रहा है।

उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ‘‘आरआर टैक्स’’ के नाम पर व्यापारियों और रियल एस्टेट कंपनियों से पैसा वसूल रही है।

भाजपा ‘‘आरआर टैक्स’’ शब्द को ‘‘राहुल गांधी, रेवंत रेड्डी टैक्स’’ संक्षिप्त रूप कहती है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने कई गारंटी दी हैं। अब स्थिति यह है कि वह विधायकों और सरकारी कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दे पा रही है। उसकी हालत बहुत दयनीय है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक सरकारें वित्तीय संकट से जूझ रही हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं। तेलंगाना में भी ऐसी ही स्थिति होने की आशंका है।’’

मूसी रिवरफ्रंट पर जारी सर्वेक्षण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बीआरएस और कांग्रेस पार्टियां एक ही विचारधारा का पालन करती हैं और राज्य सरकार बिना किसी उचित योजना के गरीब लोगों के घरों को गिरा रही है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार वही काम जारी रख रही है जो पिछली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार ने शुरू किया था।

तेलंगाना की मंत्री कोंडा सुरेखा की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, कि बीआरएस नेता के टी रामा राव अभिनेता सामंथा रूथ प्रभु और नागा चैतन्य के तलाक के पीछे का कारण थे, रेड्डी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नेता इस तरह की टिप्पणी करते हैं।

उन्होंने सुझाव दिया कि मीडिया को ऐसे नेताओं को काली सूची में डालना चाहिए और उनका बहिष्कार करना चाहिए जो ऐसी टिप्पणियां करते हैं।

भाषा देवेंद्र मनीषा

मनीषा