नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि अदाणी समूह के मामले में ‘मोदी तंत्र’ ने बड़ा कानूनी शिगूफा छोड़ा है, जबकि देश की प्रमुख एजेंसियों को इस मामले की जांच करनी चाहिए।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि विपक्ष यह मुद्दा संसद में उठाना जारी रखेगा।
अदाणी समूह की कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने बुधवार को कहा कि अरबपति गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी पर कथित रिश्वतखोरी के मामले में अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं लगाया गया है।
कंपनी का यह भी कहना है कि उन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी के तहत आरोप लगाया गया है, जिसमें मौद्रिक दंड लगाया जाना शामिल है।
रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘इसमें आश्चर्य की बात नहीं है कि ‘मोदानी इकोसिस्टम’ ने आज सुबह-सुबह एक बड़ा कानूनी शिगूफा छोड़ा है। ऐसे समय में जब उन्हें अन्य देशों में हो रही गंभीर कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है, और उन तंत्र को वे न तो डरा सकते और ही ख़त्म कर सकते हैं, तब ‘मोदानी इकोसिस्टम’ इनकार करके नुकसान की भरपाई का प्रयास कर रहा है।’’
उन्होंने दावा किया कि यह हास्यास्पद प्रयास अमेरिकी एजेंसियों द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरता को कम नहीं कर सकता।
रमेश ने कहा, ‘‘इस तथ्य से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि अमेरिका न्याय विभाग के आरोप में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि “गौतम एस अदाणी, सागर आर अदाणी और अन्य लोगों ने भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत की पेशकश करने, अधिकृत करने, (रिश्वत) देने और वादा करने की एक योजना तैयार की।’’
उनका कहना है, ‘‘कायदे से, ईडी, सीबीआई और सेबी को इन खुलासों के मद्देनजर सक्रिय रूप से जांच करनी चाहिए। भ्रष्ट राजनीतिक-व्यावसायिक गठजोड़ के औजार के रूप में कार्य करने के बजाय, उनका काम यह है कि वे राष्ट्र के प्रति अपना दायित्व निभाएं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे संस्थानों और उनमें महत्वपूर्ण पदों पर बैठे भारतीयों के लिए अपने दायित्व को निभाने का समय है। इतिहास इस क्षण को न तो माफ़ करेगा और न ही भूलेगा।’’
रमेश ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘जहां तक हमारी बात है, हम इन मुद्दों को संसद और लोगों के समक्ष उठाते रहेंगे।’’
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सुरेश