तिरुवनंतपुरम/कोच्चि, 22 अगस्त (भाषा) कांग्रेस ने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर हेमा समिति की रिपोर्ट के संबंध में बृहस्पतिवार को केरल सरकार से कड़ी कार्रवाई करने को कहा।
केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) अध्यक्ष के. सुधाकरन ने संवाददाताओं से कहा कि अगर 2026 में कांग्रेस सत्ता में आती है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सुधाकरन ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह स्वीकार नहीं किया जा सकता कि समिति की जिस रिपोर्ट में महिलाओं और यहां तक कि नाबालिग लड़कियों के साथ विभिन्न अत्याचारों के संबंध में गंभीर जानकारी दी गई है उसे वर्षों तक रोक कर रखा गया।’’
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट को इतने लंबे समय तक लटकाए रखने का निर्णय उचित नहीं ठहराया जा सकता।
सुधाकरन ने कहा, ‘‘कांग्रेस हेमा समिति की रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई की मांग करती है।’’
विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने दावा किया कि न्यायमूर्ति हेमा ने राज्य सरकार से रिपोर्ट जारी न करने के लिए कभी नहीं कहा।
सतीशन ने उनके द्वारा पहले भी लगाए गए आरोपों को दोहराया और सरकार पर ‘‘शिकारियों’’ को संरक्षण देने का आरोप लगाया।
सतीशन ने कोच्चि में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हेमा समिति ने सरकार से रिपोर्ट जारी न करने को कभी नहीं कहा, बल्कि उसने इसे जारी कर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करने को कहा। उच्चतम न्यायालय ने पीड़ितों के नामों का खुलासा न करने का निर्देश दिया है और उसका निर्देश रिपोर्ट पर कार्रवाई करने के खिलाफ नहीं है।’’
सतीशन ने आरोप लगाया कि सरकार अपराधियों को बचाना चाहती है।
उन्होंने कहा कि सरकार का यह रुख स्वीकार नहीं किया जा सकता कि अगर कोई शिकायत देता है तो मामला दर्ज किया जा सकता है।
सतीशन ने कहा, ‘‘प्रस्तावित सिनेमा सम्मेलन में आरोपी भी पीड़िताओं के साथ कार्यक्रम में भाग लेंगे। सिनेमा सम्मेलन नारीत्व का अपमान होगा।’’
सतीशन ने राज्य सरकार द्वारा फिल्म उद्योग के मुद्दों पर चर्चा के लिए प्रस्तावित दो दिवसीय सिनेमा सम्मेलन का जिक्र करते हुए यह बात कही।
विपक्षी कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के इस दावे को बुधवार को नकार दिया कि न्यायमूर्ति हेमा ने खुद उनसे मलयालम फिल्म उद्योग पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक न करने का अनुरोध किया था। यूडीएफ ने इसे ‘‘सरासर झूठ’’ और ‘‘पाखंड’’ बताया।
इस बीच, राज्य के वित्त मंत्री के.एन. बालगोपाल ने नयी दिल्ली में मीडिया से कहा कि (हेमा) समिति ने बयान दर्ज करने और रिपोर्ट सौंपते समय सभी कानूनी पहलुओं पर गौर किया होगा।
बालागोपाल ने कहा, ‘‘हमारे पास मौजूदा कानूनों के आधार पर मामले दर्ज करने का प्रावधान है, भले ही शिकायत दर्ज न की गई हो। हम कानून का पालन कर सकते हैं। इस रिपोर्ट में अतिरिक्त जानकारी है। इस रिपोर्ट में फिल्म उद्योग में महिला कलाकारों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों पर एक अध्ययन शामिल है।’’
न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट में मलयालम सिनेमा में महिलाओं के यौन उत्पीड़न पर आश्चर्यजनक खुलासों ने केरल में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है।
भाषा
सिम्मी प्रशांत
प्रशांत
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