अदाणी की जांच में हितों के सभी टकराव को खत्म करे सरकार: कांग्रेस

अदाणी की जांच में हितों के सभी टकराव को खत्म करे सरकार: कांग्रेस

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  • Publish Date - August 11, 2024 / 01:03 AM IST,
    Updated On - August 11, 2024 / 01:03 AM IST

नयी दिल्ली, 10 अगस्त (भाषा) अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी बुच पर लगाए गए आरोपों के मद्देनजर कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र से अदाणी समूह की नियामक जांच में हितों के सभी टकराव को खत्म करने के लिए तुरंत कार्रवाई करने की मांग की।

विपक्षी दल ने यह भी कहा कि ‘‘देश के सर्वोच्च अधिकारियों की कथित मिलीभगत’’ का समाधान केवल ‘‘घोटाले’’ की पूर्ण जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित करके ही किया जा सकता है।

हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि सेबी की अध्यक्ष बुच और उनके पति के पास कथित अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।

हिंडनबर्ग ने अदाणी पर अपनी पिछली रिपोर्ट के 18 महीने बाद एक ब्लॉगपोस्ट में आरोप लगाया, “सेबी ने अदाणी के मॉरीशस और ऑफशोर शेल संस्थाओं के कथित अघोषित जाल में आश्चर्यजनक रूप से रुचि नहीं दिखाई है।”

शॉर्ट-सेलर ने (मामले से पर्दा उठाने वाले) “व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों” का हवाला देते हुए कहा, “सेबी की वर्तमान प्रमुख माधवी बुच और उनके पति के पास अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।”

कथित तौर पर समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी अस्पष्ट ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंडों को नियंत्रित करते थे। हिंडनबर्ग का आरोप है कि इन फंड का इस्तेमाल धन की हेराफेरी करने और समूह के शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए किया गया था।

इस घटनाक्रम पर एक बयान में, कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि सेबी की ‘‘अदाणी महाघोटाले की जांच करने में विचित्र अनिच्छा’’ को खासकर उच्चतम न्यायालय की विशेषज्ञ समिति द्वारा लंबे समय से देखा जा रहा है।

इससे पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोपों संबंधी हिंडनबर्ग की पोस्ट को टैग करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ ‘क्विस कस्टोडिएट इप्सोस कस्टोडेस’ (चौकीदार की चौकीदारी कौन करेगा?)।’’

रमेश ने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘संसद को 12 अगस्त की शाम तक कार्यवाही के लिए अधिसूचित किया गया था। अचानक नौ अगस्त की दोपहर को ही इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। अब हमें पता है कि क्यों।’’

भाषा

सिम्मी प्रशांत

प्रशांत