कोटा (राजस्थान), एक नवंबर (भाषा) राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शुक्रवार को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड के दोषियों को महिमामंडित करने वाली किताब को मंजूरी देने का आरोप लगाया।
राज्य सरकार ने हर्ष मंदर की पुस्तक ‘अदृश्य लोग’ और माधव गाडगिल की किताब ‘ जीवन की बहार’ को वापस ले लिया है जिन्हें समग्र शिक्षा अभियान के तहत सरकारी विद्यालयों के पुस्तकालयों को भेजा गया था।
‘अदृश्य लोग’ में एक अध्याय 2002 के गोधरा कांड पर है। दिलावर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि कांग्रेस सरकार ने किताबों का चयन किया था।
गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक कोच में 27 फरवरी, 2002 को कुछ लोगों ने आग लगा दी थी जिससे 59 लोग मारे गए थे और राज्य में दंगे भड़क गए थे।
इस बीच ‘जीवन की बहार’ किताब को पशुओं के प्रजनन की प्रकिया को समझाने के लिए कथित रूप से ‘अभद्र’ शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में वापस ले लिया गया है।
दिलावर ने कहा, ‘‘पिछली राज्य सरकार के दौरान किताब (अदृश्य लोग) का चयन किया गया और मंजूर किया गया। बिना किसी सोच-समझ के गोधरा कांड के दोषियों को इसमें महिमामंडित किया गया है।’’
कोटा की रामगंजमंडी विधानसभा सीट से विधायक दिलावर ने कहा कि पुस्तकों को वापस ले लिया गया है और उनकी जगह सज्जन सिंह यादव की ‘वैक्सीन की गाथा’ तथा राजस्थानी भाषा की किताब ‘चिड़ी को मोती लादियो’ को शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि वापस ली गईं पुस्तकें स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं थीं और इन्हें विद्यालयों के पुस्तकालयों में रखा गया था।
दिलावर ने बाद में जारी एक वीडियो संदेश में कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन शिक्षा सचिव की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने 2003 में 99 अन्य पुस्तकों का चयन किया था।
उन्होंने कहा कि राज्य की शिक्षा में नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने की योजना पर काम हो रहा है और इसे अगले दो से तीन साल में पूरी तरह लागू किया जा सकता है।
भाषा वैभव माधव
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