One Nation One Election Bill passed or Not: वन नेशन वन इलेक्शन की राह मोदी सरकार के लिए नहीं होगी आसान, कांग्रेस सहित इन दलों ने किया विरोध, जानिए JDU-TDP का क्या है स्टैंड

One Nation One Election Bill passed or Not: वन नेशन वन इलेक्शन की राह मोदी सरकार के लिए नहीं होगी आसान, कांग्रेस सहित इन दलों ने किया विरोध, जानिए JDU-TDP का क्या है स्टैंड

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  • Publish Date - December 17, 2024 / 12:52 PM IST,
    Updated On - December 17, 2024 / 12:52 PM IST

नई दिल्ली: One Nation One Election Bill passed or Not मोदी सरकार ने आने तीसरे कार्यकाल में एक बार फिर ऐतिहासिक कदम उठाते हुए आज सदन में वन नेशन वन इलेक्शन बिल पेश किया। हालांकि मोदी सरकार के इस बिल का कांग्रेस, टीएमसी, सपा समेत कई विपक्षी दलों ने विरोध किया है। सपा सांसद ने तो इस बिल को तनाशाही थोपने के बराबर बता दिया है।

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One Nation One Election Bill passed or Not सदन को संबोधित करते हुए सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि आखिर इस बिल को लाने की जरूरत ही क्या है। यह तो एक तरह से तानाशाही को थोपने की कोशिश है। हालांकि मोदी सरकार के सहयोगी दल जेडीयू ने इस बिल का पूरजोर समर्थन किया है। डीयू के नेता संजय कुमार झा ने सदन में कहा कि ये बिल भारत के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम तो हमेशा कहते रहे हैं कि विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ ही होने चाहिए। पंचायत के चुनाव अलग से होने चाहिए।

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उन्होंने आगे कहा कि इस देश में जब चुनाव की शुरुआत हुई थी, तब एक साथ ही इलेक्शन होते थे। यह कोई नई बात तो नहीं है। अलग-अलग चुनाव तो 1967 में शुरू हुए, जब कांग्रेस ने कई राज्यों में राष्ट्रपति शासन थोप दिया था और सरकारों को बर्खास्त किया जाने लगा। सरकार हमेशा इलेक्शन मोड में रहती है। इसमें बड़े पैमाने पर खर्च होता है।

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FAQ Section:

वन नेशन वन इलेक्शन बिल के विरोध में कौन-कौन से दल हैं?

वन नेशन वन इलेक्शन बिल के खिलाफ कांग्रेस, टीएमसी, सपा और कई अन्य विपक्षी दलों ने विरोध किया है।

सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने इस बिल के बारे में क्या कहा?

सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने इस बिल को तानाशाही थोपने की कोशिश बताया और पूछा कि इस बिल को लाने की जरूरत ही क्या थी।

जेडीयू के नेता संजय कुमार झा ने इस बिल का समर्थन क्यों किया?

जेडीयू के नेता संजय कुमार झा ने इस बिल को भारत के लिए बेहद जरूरी बताया और कहा कि विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ होने चाहिए।

वन नेशन वन इलेक्शन का क्या मतलब है?

वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं, जिससे चुनावी प्रक्रिया को सरल और कम खर्चीला बनाया जा सके।

कब से भारत में अलग-अलग चुनाव होने लगे थे?

भारत में अलग-अलग चुनाव 1967 से शुरू हुए थे, जब कांग्रेस ने कई राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू किया था और सरकारों को बर्खास्त किया गया था।

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