नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) कांग्रेस ने शनिवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने जम्मू कश्मीर में लिथियम की खोज की घोषणा सस्ती राजनीति के लिए की थी, क्योंकि इसकी नीलामी में किसी ने बोली नहीं लगाई।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि यह समय से पहले जश्न मना लेने का एक मामला है।
रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘आप यह क्रोनोलॉजी (घटनाओं का समयक्रम) समझिए। 13 फरवरी, 2023 को मोदी सरकार ने अपनी सस्ती राजनीति का परिचय देते हुए बड़े धूम-धाम से जम्मू-कश्मीर में दुनिया के सबसे बड़े ज्ञात लिथियम भंडारों में से एक की खोज की घोषणा की थी। वर्ष 2023 के नवंबर महीने में पहली नीलामी आयोजित की गई। लेकिन आवश्यक तीन बोली भी पूरी नहीं हुई और नीलामी रद्द कर दी गई।’
उन्होंने कहा कि मार्च 2024 में नीलामी के दूसरे दौर की घोषणा की गई, लेकिन जुलाई 2024 में पता चला कि इसके लिए भी एक भी बोली नहीं लगी।
रमेश के अनुसार, अक्टूबर 2024 में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण को दुनिया के सबसे बड़े ज्ञात लिथियम भंडारों में से एक घोषित किए गए स्थान का फिर से जांच-पड़ताल करने का निर्देश दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘कंपनियों द्वारा बोली लगाने में अनिच्छुक होने का कारण सरल है। खोज-बीन का डेटा बिल्कुल अपर्याप्त था। अब कम से कम छह महीने बाद नीलामी की योजना है। इसमें और भी अधिक समय लग सकता है।’
उन्होंने दावा किया, ‘यह सुर्खियों में बने रहने वाली मोदी सरकार के काम-काज के तरीके की खासियत है। यह समय से पहले ही जश्न मना लेने का मामला है।’
भाषा हक माधव
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