नई दिल्ली: Udaipur Royal family Controversy पूर्व सांसद महेंद्रसिंह मेवाड़ के निधन के बाद पूर्व राजघराने की लड़ाई अब सड़कों पर आ गई है। दरअसल, पूर्व सांसद महेंद्रसिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बड़े बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ की चित्तौड़ के किले में उनकी राजतिलक की रस्म हुई। राजतिलक के बाद उदयपुर मूूें एकलिंग मंदिर में दर्शन करने जा रहे थे। इसी दौरान पारिवारिक विवाद के चलते उनको सिटी पैलेस के बाहर जगदीश चौक पर रोक दिया गया। जिसके बाद उनके समर्थकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और देर रात तक उन्हें दर्शन नहीं करने दिया।
Udaipur Royal family Controversy विश्वराज मेवाड़ और उनके समर्थक धूणी के दर्शन करने की बात पर अड़े हैं, जबकि सिटी पैलेस के लोग किसी को भी अंदर नहीं जाने दे दिए। प्रशासन दोनों पक्षों में विवाद शांत कराने के लिए समझाइश करने का काम किया। इस बीच विश्वराज सिंह मेवाड़ और रणधीर सिंह भींडर कार से उतरकर बैरिकेडिंग से आगे सिटी पैलेस वाली रोड की तरफ पैदल निकले। देर रात को सिटी पैलेस के अंदर से विश्वराज सिंह मेवाड़ के समर्थकों और प्रशासन के बीच झड़प हुई। इस दौरान पत्थरबाजी भी की गई। पत्थरबाजी की वजह से एक पुलिसकर्मी भी घायल हो गया। वहीं इस घटना के दौरान विश्वराज सिंह मेवाड़ के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की।
गौरतलब है कि 25 सितंबर को चित्तौड़गढ़ किले के फतह प्रकाश महल में विश्वराज सिंह मेवाड़ को गद्दी पर बैठाने की परंपरा निभाने के लिए पगड़ी दस्तूर हुआ। यह रस्म प्रतीकात्मक निभाई जाती है। रस्म कार्यक्रम के दौरान खून से राजतिलक किया गया। राजतिलक कार्यक्रम करीब 3 घंटे तक चला। बता दें, 1531 के बाद पहली बार चित्तौडगढ़ दुर्ग में तिलक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इससे पहले, महाराणा सांगा के बेटे तत्कालीन महाराणा विक्रमादित्य का तिलक हुआ था।