नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) उपग्रह आधारित राजमार्ग टोल (चुंगी कर) संग्रह प्रणाली शुरू करने के तरीकों पर विचार के लिए गठित शीर्ष समिति ने सुरक्षा एवं गोपनीयता जैसे विषयों पर और विचार-विमर्श करने की सिफारिश की है। बुधवार को संसद को यह जानकारी दी गई।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
गडकरी ने कहा कि शीर्ष समिति तथा उद्योग एवं शिक्षा जगत के विशेषज्ञों वाली उच्चस्तरीय अधिकारप्राप्त समिति ने सुरक्षा और गोपनीयता विषयों, समग्र परिचालन नियंत्रण आदि के मद्देनजर उपग्रह आधारित टोलिंग के लिए आगे विचार-विमर्श की सिफारिश की है।
सरकारी स्वामित्व वाले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने जीएनएसएस-आधारित (उपग्रह-आधारित) इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के कार्यान्वयन के लिए दुनिया भर से रुचि-पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए हैं।
इस कदम का उद्देश्य राजमार्गों पर भौतिक टोल बूथों को समाप्त करना है।
जीएनएसएस-आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के कार्यान्वयन से राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की सुचारू आवाजाही होगी। दूरी-आधारित टोलिंग के तहत उपयोगकर्ता केवल राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा की गई दूरी के लिए भुगतान करेंगे।
एक अलग सवाल का जवाब देते हुए, गडकरी ने कहा कि 2023 से 2024 तक 11,890 दुर्घटनाएं नाबालिगों (18 वर्ष से कम उम्र के) के कारण हुईं।
तमिलनाडु में नाबालिगों के कारण सबसे अधिक (2,063) दुर्घटनाएं हुईं। उसके बाद मध्य प्रदेश (1,138) और महाराष्ट्र (1,067) का स्थान रहा।
भाषा राजेश राजेश अविनाश
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