समाज में नफरत फैलाने वाले और तनाव बढ़ाने वाले कॉमेडी मंचों पर पाबंदी लगे: माने

समाज में नफरत फैलाने वाले और तनाव बढ़ाने वाले कॉमेडी मंचों पर पाबंदी लगे: माने

समाज में नफरत फैलाने वाले और तनाव बढ़ाने वाले कॉमेडी मंचों पर पाबंदी लगे: माने
Modified Date: March 25, 2025 / 05:38 pm IST
Published Date: March 25, 2025 5:38 pm IST

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा की टिप्पणी पर उठे विवाद के बीच शिवसेना सांसद धैर्यशील माने ने मंगलवार को लोकसभा में मांग की कि समाज में नफरत फैलाने वाले और तनाव बढ़ाने वाले ऐसे कॉमेडी मंचों पर पाबंदी लगाई जानी चाहिए।

माने ने कहा कि कुछ लोग इन स्टैंडअप कॉमेडियन के जरिए अपना राजनीतिक एजेंडा चला रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कॉमेडी के नाम पर लोग राजनीतिक दुकानदारी कर रहे हैं। ऐसे प्लेटफॉर्म पर पाबंदी लगनी चाहिए जिन पर समाज में नफरत फैलाने वाले और तनाव बढ़ाने वाले कॉमेडी शो होते हों।’’

सदन में वित्त विधेयक, 2025 पर चर्चा में भाग लेते हुए शिवसेना सांसद ने कहा कि कोई नीति या रूपरेखा होनी चाहिए जिसके तहत हास्य कलाकार सरकार की नीतियों की आलोचना करें, लेकिन उन्हें किसी के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणियों की अनुमति नहीं होनी चाहिए।

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उन्होंने कहा कि वह आगामी बृहस्पतिवार को संसद में फिल्म ‘छावा’ के प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद अदा करते हैं।

माने ने कहा, ‘‘कई ऐसे लोग हैं जो औरंगजेब का सम्मान करते हैं और इस फिल्म का प्रदर्शन नहीं चाहते।’’

फिल्म ‘छावा’ छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है।

माने ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी को अर्थव्यवस्था आगे बढ़ाने का जज्बा शिवाजी महाराज से मिला है। उनके समय की कर व्यवस्था आज देश में लागू है।’’

उन्होंने कहा कि मुगलिया सल्तनत में ‘जजिया’ कर लगता था और जीएसटी के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल विपक्ष द्वारा किया जाता है।

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा


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