लखनऊ: पिछले लोकसभा चुनाव में विपक्ष का सबसे बड़ा हथियार संविधान रहा। पूरा चुनाव संविधान को बदलने के आरोपों के बीच लड़ा गया। इंडिया गठबंधन ने आरोप लगाया था कि एनडीए 400 सीटों का दावा इसलिए कर रही हैं क्योंकि वह संविधान बदलना चाहती हैं। (Coat-pocket edition Constitution) चुनाव के दौरान भाजपा के कई नेताओं ने इस बात की सार्वजानिक घोषणा भी की कि 400 सीटें हासिल कर संविधान में बदलाव किया जाएगा। राहुल गांधी इस मुद्दे पर सबसे ज्यादा मुखर आएं। वह अक्सर अपने जनसभाओं में संविधान की लाल किताब के साथ पहुँचते थे।
बात कल यानी लोकसभा सत्र के पहले दिन की करें तो भी इंडिया गठबंधन के सांसदों ने संसद के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान भी सभी सांसदों के हाथ में पॉकेट साइज के संविधान की किताब थी। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि यह कौन सा संविधान हैं जो इतने छोटे आकर का हैं। इस बारें में ईस्टर्न बुक कंपनी, लखनऊ के सेल्स हेड सुधीर कुमार ने न्यूज एजेंसी को अहम जानकारी दी हैं।
उन्होंने एएनआई को बताया हैं कि ‘यह संविधान का कोट-पॉकेट एडिशन है। इसके आकार के अनुरूप यह एक जज या ऐडवोकेट की जेब में आ जाती है इसलिए इसका नाम कोट-पॉकेट एडिशन रखा गया है। (Coat-pocket edition Constitution) 2009 में इसे पहली बार प्रकाशित किया गया था। इसमें बाइबिल पेपर का इस्तेमाल किया गया है जो बहुत पतला होता है”
#WATCH लखनऊ, उत्तर प्रदेश: सेल्स हेड सुधीर कुमार ने बताया, “…यह संविधान का कोट-पॉकेट एडिशन है… इसके आकार के अनुरूप यह एक जज या ऐडवोकेट की जेब में आ जाती है इसलिए इसका नाम कोट-पॉकेट एडिशन रखा गया है। 2009 में इसे पहली बार प्रकाशित किया गया था… इसमें बाइबिल पेपर का इस्तेमाल… https://t.co/l8ZMybnScr pic.twitter.com/npOtYDOdkZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 24, 2024