नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन ने बृहस्पतिवार को खुद को कोयला घोटाला मामलों में सुनवाई से अलग करते हुए कहा कि वह इनमें से एक मामले में वकील के रूप में पेश हुए थे।
इन मामलों में याचिकाओं में उच्चतम न्यायालय के उन पूर्व आदेशों में संशोधन की मांग की गई है, जिनमें उच्च न्यायालयों को कथित अवैध कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित आपराधिक मामलों में पारित निचली अदालत के आदेशों के खिलाफ अपील लेने से रोक दिया गया था।
पीठ की अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना कर रहे थे जिसमें न्यायमूर्ति विश्वनाथन और न्यायमूर्ति संजय कुमार शामिल थे। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वह 10 फरवरी से शुरू होने वाले सप्ताह में मामलों में सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों की नई पीठ का पुनर्गठन करेंगे।
पीठ ने अपील की गुंजाइश और उच्च न्यायालयों को इन मामलों की सुनवाई करने से रोकने वाले पहले के आदेशों की उपयोगिता पर विचार-विमर्श किया और शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री को 2014 और 2017 के उन फैसलों से संबंधित सभी लंबित याचिकाओं का एक व्यापक संकलन तैयार करने को कहा, जिनमें उच्च न्यायालय को अंतरिम अपीलों की सुनवाई करने से रोका गया था।
आदेश के अनुसार, ‘‘रजिस्ट्री उन सभी मामलों का संकलन तैयार करेगी, जहां 2014 और 2017 में इस न्यायालय के निर्णयों के अनुसार विशेष अनुमति याचिकाएं (एसएलपी) दायर की गई हैं…।’’
इसमें कहा गया है, “नई पीठ में न्यायमूर्ति विश्वनाथन शामिल नहीं होंगे और इसका गठन 10 फरवरी, 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में किया जाएगा।’’
भाषा वैभव मनीषा
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