कोचिंग सेंटर: न्यायालय का केंद्र द्वारा नियुक्त समिति को चार सप्ताह में रिपोर्ट देने का निर्देश

कोचिंग सेंटर: न्यायालय का केंद्र द्वारा नियुक्त समिति को चार सप्ताह में रिपोर्ट देने का निर्देश

  •  
  • Publish Date - September 20, 2024 / 02:41 PM IST,
    Updated On - September 20, 2024 / 02:41 PM IST

नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण आईएएस परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों की मौत की घटना की जांच कर रही समिति को चार सप्ताह में अंतरिम उपाय संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करने का शुक्रवार को निर्देश दिया।

दिल्ली के कोचिंग सेंटर में हुई घटना की जांच के लिए केंद्र सरकार ने ये समिति नियुक्त की थी।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए के लिए बनाई गई नीतियों, विधायी और प्रशासनिक बदलावों से अवगत कराएं।

न्यायालय ने कहा कि ओल्ड राजेंद्र नगर में हुई ऐसी घटना को दोबारा होने से रोकने के लिए पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक समान पहल की जानी चाहिए।

पीठ ने कहा, ”यदि जरूरत पड़ी तो हम ओल्ड राजेंद्र नगर जैसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरे देश में निर्देश जारी करेंगे।”

ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित ‘राव आईएएस स्टडी सर्किल’ के बेसमेंट स्थित पुस्तकालय में भारी बारिश के कारण पानी भर गया था, जिससे सिविल सेवा की परीक्षा की तैयार कर रहे तीन अभ्यर्थियों की डूबने से मौत हो गई थी।

उच्चतम न्यायालय ने पांच अगस्त को मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि कोचिंग सेंटर ‘डेथ चेंबर’ बन गए हैं और छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इसके लिए उसने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था।

शीर्ष अदालत ने कोचिंग सेंटरों के एक संघ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले का संज्ञान लिया, जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के दिसंबर 2023 के आदेश को चुनौती दी गई थी। उक्त आदेश में दिल्ली की अग्निशमन सेवाओं और नगर निकाय को सभी कोचिंग सेंटरों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे अग्नि सुरक्षा मानदंडों का अनुपालन कर रहे हैं या नहीं।

उच्चतम न्यायालय ने याचिका में गंभीरता का अभाव बताते हुए एसोसिएशन पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए अपील खारिज कर दी और कहा कि जब तक अग्नि सुरक्षा मानदंडों और अन्य आवश्यकताओं का अनुपालन नहीं किया जाता है, तब तक किसी भी कोचिंग सेंटर को संचालित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

उच्च न्यायालय ने तीन छात्रों की मौत की जांच दिल्ली पुलिस से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी थी, ताकि ‘यह सुनिश्चित किया जा सके कि जनता को जांच पर कोई संदेह न हो।’’

जान गंवाने वाले तीन छात्रों में उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के नेविन डेल्विन (24) शामिल हैं।

घटना के बाद से विभिन्न कोचिंग संस्थानों में नामांकित छात्रों ने कोचिंग सेंटरों में बेहतर सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।

भाषा

प्रीति नरेश

नरेश