कोच्चि, 13 सितंबर (भाषा) केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के तहत मत्स्यपालन विभाग ने आईसीएआर-केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान को समुद्री शैवाल की खेती के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नामित किया है।
तमिलनाडु के मंडपम में केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (सीएमएफआरआई) का क्षेत्रीय केंद्र समुद्री शैवाल की खेती में अनुसंधान, विकास, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए एक केंद्र के रूप में काम करेगा।
सीएमएफआरआई ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘यह केंद्र टिकाऊ समुद्री शैवाल की खेती को बढ़ावा देगा और वैश्विक समुद्री शैवाल उद्योग में भारत की भूमिका को बढ़ाने के उद्देश्य से क्षेत्र में प्रमुख चुनौतियों का समाधान करेगा।’
सीएमएफआरआई के निदेशक डॉ. ग्रिनसन जॉर्ज ने इस विकास को समुद्री शैवाल की खेती में देश की क्षमता को सामने लाने में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
उन्होंने कहा, “केंद्र कई प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें समुद्री शैवाल की खेती की तकनीक में सुधार और चुनौतियों का समाधान शामिल है।”
विज्ञप्ति में कहा गया है कि स्वदेशी समुद्री शैवाल की प्रजातियों की आनुवंशिक विविधता को बनाए रखने और उच्च गुणवत्ता वाले पौधों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक बीज बैंक स्थापित किया जाएगा।
जॉर्ज ने कहा, “देश में समुद्री शैवाल की खेती और संबद्ध गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए किसानों, उद्यमियों और अन्य हितधारकों को प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम प्रदान किए जाएंगे।”
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शुभम प्रशांत
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