नयी दिल्ली/गुवाहाटी: आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया ने शनिवार को मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि भारत 2020 में जब कोविड महामारी से जूझ रहा था, तब असम के स्वास्थ्य मंत्री रहे हिमंत बिस्व सरमा ने अपनी पत्नी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों की कंपनियों को पीपीई किट की आपूर्ति करने के लिए ठेके दिये थे। हालांकि असम सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा का परिवार महामारी के दौरान पीपीई किट की आपूर्ति में कथित कदाचार में शामिल था।
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि असम सरकार ने अन्य कंपनियों से 600 रुपये प्रति किट के हिसाब से पीपीई किट खरीदी। उन्होंने कहा कि सरमा ने ‘‘कोविड-19 आपात स्थिति का लाभ उठाते हुए’’ अपनी पत्नी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों की कंपनियों को एक पीपीई किट 990 रुपये के हिसाब से तत्काल आपूर्ति करने के आदेश दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरमा की पत्नी की फर्म चिकित्सा उपकरणों का कारोबार भी नहीं करती है। सिसोदिया ने खबर के हवाले से कहा, ‘‘हालांकि सरमा की पत्नी की फर्म को दिया गया अनुबंध रद्द कर दिया गया था, क्योंकि कंपनी पीपीई किट की आपूर्ति नहीं कर सकती थी, एक अन्य आपूर्ति आदेश उनके बेटे के व्यापारिक साझेदारों से संबंधित कंपनी को 1,680 रुपये प्रति किट की दर से दिया गया था।’’
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इस बीच असम सरकार ने शनिवार को मीडिया के एक वर्ग में सामने आये उन आरोपों का खंडन किया कि मुख्यमंत्री सरमा का परिवार महामारी के दौरान पीपीई किट की आपूर्ति में कथित कदाचार में शामिल था। असम सरकार के प्रवक्ता पीयूष हजारिका ने कहा कि पीपीई किट की आपूर्ति में कोई घोटाला नहीं हुआ है और मुख्यमंत्री के परिवार का कोई भी सदस्य कोविड महामारी से संबंधित किसी भी सामग्री की आपूर्ति में शामिल नहीं था। राज्य के जल संसाधन और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री हजारिका ने गुवाहाटी में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आरोप झूठे, काल्पनिक, दुर्भावनापूर्ण हैं और इसे निहित स्वार्थों वाले एक निश्चित वर्ग की करतूत कहा जा सकता है।’’
सिसोदिया ने कहा कि दो वेबसाइट ने इस खबर पर काम किया और दो दिन पहले इसे प्रकाशित किया। ‘आप’ नेता ने पूछा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा शासित राज्य के एक मुख्यमंत्री द्वारा कथित भ्रष्टाचार पर भाजपा के सदस्य चुप क्यों हैं? सिसोदिया ने कहा, ‘‘वे भ्रष्टाचार की बात करते हैं और विपक्षी दलों के सदस्यों के खिलाफ निराधार आरोप लगाते हैं। मैं भ्रष्टाचार के बारे में उनकी समझ के बारे में जानना चाहता हूं। उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या वे इसे (असम मामला) भ्रष्टाचार मानते हैं या नहीं।’’ उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को भ्रष्टाचार के ‘‘फर्जी’’ आरोपों में गिरफ्तार किया और केंद्र ने शुक्रवार को अदालत से कहा कि वह ‘‘एक आरोपी नहीं’’ हैं। गौरतलब है कि ईडी ने 30 मई को धनशोधन मामले में जैन को कई घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।
माननीय मुख्यमंत्री @himantabiswa जी! यह रहा आपकी पत्नी की JCB इंडस्ट्रीज के नाम 990/- प्रति किट के हिसाब से 5000 किट ख़रीदने का contract… बताइए क्या यह काग़ज़ झूँठा है?
क्या स्वास्थ्यमंत्री रहते अपनी पत्नी की कम्पनी को बिना टेंडर purchase order देना भ्रष्टाचार नहीं है? https://t.co/qHcZYjfkrv pic.twitter.com/XR5q9V2bTe
— Manish Sisodia (@msisodia) June 4, 2022