लखनऊ। भिखारियों को मुख्यधारा से जोड़ने के मकसद से सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजधानी में भिखारियों को नौकरी देने का आदेश नगर निगम को दिया है। सरकार की इस अनोखी पहल के बाद विभाग ने भी भिखारियों को चिंन्हांकन शुरू कर दिया है। राज्य सरकार का मकसद है कि भिखारी किसी तरह भीख मांगना छोड़कर मेहमत-मजदूरी का काम करे ताकी समाज में वे लोग भी पूरे सम्मान और आत्मविश्वास के साथ रह सकें।
लखनऊ नगर निगम आयुक्त इंद्रामणि त्रिपाठी ने बताया कि सभी भिखारियों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के हिसाब से कार्य दिया जाएगा। इसके साथ ही गलियों में घूमने वाले गरीब बच्चों को भी पुनर्वासित करने की योजना बनाई जा रही है जिससे वे सभी बच्चे स्कूल जाकर बेहतर शिक्षा पाकर अपना अच्छा भविष्य बना सकें। इंद्रामणि त्रिपाठी ने आगे कहा कि जो भिखारी दिव्यांग हैं उन्हें सरकार की ओर से शेल्टर होम में रखा जाएगा, जहां उन्हें शारीरिक क्षमता के अऩुसार किसी न किसी तरह का काम दिया जाएगा।
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विभाग की माने तो सीएम के आदेश के बाद शहर के अलग-अलग इलाकों में कूड़ा इक्ट्ठा करने का कार्य सौंपा जाएगा। इस काम के लिए उन्हें उचित मजदूरी भी दी जाएगी। कुछ भिखारियों को सफाई व अन्य काम भी सौंपे जाएंगे। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद निगम ने शहर के सभी भिखारियों की रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी है, जल्द ही निगम इस पर काम शुरू कर देगा।
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