नई दिल्ली: मोदी सरकार के नए कृषि कानून को लेकर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों के किसान पिछले 1 महीने से दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। हालांकि किसानों ने 29 दिसंबर को बातचीत के लिए सरकार के सामने प्रस्ताव रखा है। वहीं, दूसरी ओर किसानों के आंदोलन को लेकर जमकर सियासत हो रही है। कोई प्रदर्शनकारी किसानों को आतंकवादी, वामपंथी बता रहा है, तो कुछ और। किसानों का देशद्रोही कहने वालों पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने करारा प्रहार किया है।
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दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सिंघु बॉर्डर के पास गुरु तेग बहादुर स्मारक पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं, इनकी बातें सुनकर कृषि के तीनों क़ानूनों को वापस ले लीजिए। किसानों को राष्ट्रद्रोही कहा जा रहा है, अगर किसान राष्ट्रद्रोही हो गया तो तुम्हारा पेट कौन भरेगा? किसानों की खेती चली गई तो किसान कहां जाएगा? किसानों के पास क्या बचेगा?
उन्होंने आगे कहा कि ये तीन क़ानून (नए कृषि क़ानून) लेकर आए हैं, इन तीनों क़ानूनों के जरिए अब ये इनकी खेती भी छीनना चाहते हैं। उनकी खेती भी उठाकर अपने 2-3 बड़े-बड़े पूंजीपति दोस्तों को देना चाहते हैं। अगर किसान की खेती भी चली गई तो किसान कहां जाएगा।
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बता दें कि किसानों और सरकार के बीच अब तक तीन बैठकें हो चुकी है, लेकिन तीनों बैठकें बेनतीजा रहे। वहीं, सरकार ने किसानों को कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया है, लेकिन किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। किसानों की मांग है कि सरकार कृषि कानून को रद्द कर नए कृषि कानून का निर्माण करें।
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मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं, इनकी बातें सुनकर कृषि के तीनों क़ानूनों को वापस ले लीजिए। किसानों को राष्ट्रद्रोही कहा जा रहा है, अगर किसान राष्ट्रद्रोही हो गया तो तुम्हारा पेट कौन भरेगा? किसानों की खेती चली गई तो किसान कहां जाएगा? किसानों के पास क्या बचेगा? : दिल्ली CM https://t.co/MzAL6UaKEC pic.twitter.com/v1kfLSbofm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 27, 2020