नई दिल्ली: uttarakhand Investor Summit उत्तराखण्ड में आगामी 8-9 दिसंबर को आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को मुंबई रोड शो में प्रतिभाग करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में विभिन्न उद्योग समूहों से उत्तराखण्ड में निवेश को लेकर बैठक करेंगे। प्रदेश सरकार 4 अंतर्राष्ट्रीय रोड शो समेत कुल 8 रोड शोक आयोजित कर चुकी है जिसमें ₹94 हजार करोड़ से अधिक के निवेश करार हो चुके हैं। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में आगामी दिसम्बर माह से पहले अधिकत एमओयू को धरातल पर उतारने का कार्य शुरु कर दिया जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री धामी के निर्देशों पर उच्चस्तरीय अधिकारीयों की तैनाती की गई है।
uttarakhand Investor Summit अब तक प्रदेश सरकार द्वारा जिन निवेशकों से इन्वेंस्टमेंट एमओयू साइन किए गए हैं उनमें प्रमुखतः टूरिज्म हास्पिटैलिटी सेक्टर, आयुष वेलनेस सेक्टर, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, फार्मा सेक्टर, फूड प्रोसेसिंग, रियल एस्टेट-इंफ्रा, पंप्ड स्टोरेज सेक्टर, ग्रीन एंड रिन्यूएबल एनर्जी एवं आॅटोमोबिल सेक्टर शामिल हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में अबतक देश से बाहर लंदन,बर्मिघम, अबुधाबी, दुबई में 4 इंटरनेशनल रोड शो हो चुके हैं जबकि देशभर में प्रदेश सरकार दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद में रोड शो कर चुकी है। बीते 14 सितंबर और 4 अक्टूबर को धामी सरकार दिल्ली में ₹26575 करोड़, 26 और 27 सितंबर को ब्रिटेन में ₹12500 करोड़, 17 और 18 अक्टूबर को यूएई में ₹15475 करोड़ के निवेश का करार कर चुकी है। इसके अलावा 26 अक्टूबर को चेन्नई में ₹10150 करोड़, 28 अक्टूबर को बेंगलुरु में ₹4600 करोड़ और 1 नवंबर को अहमदाबाद में ₹24000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव का करार हुआ है।
मुख्यमंत्री धामी का प्रदेश में ग्रीन इकोनाॅमी पर विशेष फोकस है। मुख्यमंत्री धामी अपनी नीति को पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। धामी सरकार ईकोलाॅजी और इकोनाॅमी के साथ प्रदेश में निवेश की ओर आगे बढ रही है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार ईकोलाॅजी के संतुलन को ध्यान में रखते हुए इकोनाॅमी मजबूत करने का प्रयास कर रही है। प्रदेश में धामी सरकार ने इसे ग्रीन इकोनाॅमी का नाम दिया है।
प्रदेश सरकार ने निवेशकों से एमओयू साइन किए जाने के बाद अधिकारियों को एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए सचिव स्तर से उपर की कमेटी बनाई है। इसके तहत 300 करोड़ से अधिक के एमओयू जिन कंपनियों के साथ किए गए हैं उनके क्रियान्वयन हेतु अधिकारियों की तैनाती की गई है।