स्वच्छता अभियान से लोगों की मानसिकता में क्रांतिकारी बदलाव आया: उपराष्ट्रपति धनखड़

स्वच्छता अभियान से लोगों की मानसिकता में क्रांतिकारी बदलाव आया: उपराष्ट्रपति धनखड़

स्वच्छता अभियान से लोगों की मानसिकता में क्रांतिकारी बदलाव आया: उपराष्ट्रपति धनखड़
Modified Date: September 17, 2024 / 04:06 pm IST
Published Date: September 17, 2024 4:06 pm IST

(तस्वीर के साथ)

जयपुर, 17 सितंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि स्वच्छ भारत मिशन, महिला सशक्तीकरण एवं आजीविका सृजन का शक्तिशाली साधन है और स्वच्छता अभियान से सफाई के प्रति लोगों की मानसिकता में क्रांतिकारी बदलाव आया है।

वह झुंझुनू में ‘स्वच्छता ही सेवा 2024’ अभियान को संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने कहा, “इस दशक के दौरान प्रधानमंत्री जी की पहल से लोगों की मानसिकता में क्रांतिकारी और व्यापक परिवर्तन आया है। स्वच्छता के प्रति उनकी दृष्टि बदली है।”

उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 2014 को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उद्घोष एक दशक में दुनिया का सबसे बड़ा क्रांतिकारी कदम साबित हुआ है और इस अभियान की वजह से लोगों की मानसिकता में क्रांतिकारी और व्यापक परिवर्तन आया है एवं स्वच्छता के प्रति उनकी दृष्टि बदली है।

आधिकारिक बयान के अनुसार उन्होंने कहा, “एक दशक के बाद आज नई शुरुआत हो रही है, यह अभियान सफाई तक सीमित नहीं रहना चाहिए। यह हमारे विचारों में बदलाव लाएगा, आदतों में बदलाव लाएगा, जीवन शैली को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा और आर्थिक उन्नति के अंदर बहुत जबरदस्त योगदान करेगा।”

स्वच्छ भारत अभियान से रोजगार सृजन पर ज़ोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश में इस समय हमारे पास 10 हजार स्वयं सहायता समूह हैं जो इस मिशन से अपनी आजीविका कमा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से देश में नारी शक्ति को आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता की एक नई गति मिली है।

‘मेरा युवा भारत’ कार्यक्रम की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने सभी कुलपतियों, प्राचार्यों से युवाओं को इस कार्यक्रम से जोड़ने की अपील की।

उन्होंने कहा, “डेढ़ करोड़ युवा विकसित भारत के दृष्टिकोण में शामिल होने के लिए आगे बढ़े हैं। इससे उनकी मानसिकता बदलेगी, राष्ट्रवाद के प्रति उनकी प्रतिबद्धता बेहतर होगी और हमारे लोकतंत्र को धार मिलेगी। ”

धनखड़ ने स्वच्छता को स्वभाव, संस्कार और संस्कृति से जोड़ने का संकल्प लेने का आह्वान करते हुए कहा, “स्वच्छ भारत मिशन, महिला सशक्तिकरण एवं आजीविका सृजन का एक शक्तिशाली साधन भी बन गया है। स्वच्छता अभियान ने शौचालय बनाकर माताओं, बहनों के जीवन से एक अभिशाप को खत्म किया है। ’’

भारत में कचरा प्रबंधन के संबंध में हुए आमूल-चूल परिवर्तन को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में एक मिसाल बन गया है क्योंकि आज कचरे से ईंधन, ऊर्जा और कंपोस्ट बन रहा है।

उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान से पहले देश कचरे के चक्कर में फंसा था लेकिन आज कचरा चक्रीय अर्थव्यवस्था में फंसा हुआ है।

भाषा पृथ्‍वी

राजकुमार

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