नई दिल्ली : CJI NV Ramana statement : देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना जल्द ही रिटायर होने वाले हैं। 26 अगस्त को उनका विदाई समारोह है। रिटायरमेंट से पहले मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के एक बयान ने पूरे देश में खलबली मचा दी है। उन्होंने रिटायरमेंट के दिन एक खुलासा करने की बात कही है। उनके इस बयान के बाद से हर कोई यह जानना चाह रहा है कि CJI की मुद्दे का खुलासा करने वाले हैं।
CJI NV Ramana statement : दरसअल, देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना मुकदमों की लिस्टिंग को लेकर वे सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के आगे बेबस हैं। सुनवाई के लिए सूचीबद्ध एक मामले को रजिस्ट्री द्वारा हटा देने से मुख्य न्यायाधीश क्षुब्ध हो गए। उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर 26 तारीख को अपने विदाई भाषण में बोलेंगे। मुख्य न्यायाधीश के समक्ष एक वरिष्ठ वकील ने कहा कि उनका मामला सूचीबद्ध था, लेकिन बाद में उसे सूची से हटा दिया गया। इस पर जस्टिस रमना ने कहा कि कई मुद्दे हैं, जिन्हें वह उठाना चाहते हैं, लेकिन वह नहीं चाहते कि पद छोड़ने से पहले बोलें। अपने विदाई भाषण में जरूर बोलूंगा।
वरिष्ठ वकील ने कहा कि सूची से मामले के अंतिम समय में हटने से दिक्कतें होती हैं। हम रात को आठ बजे तक तैयारी करते हैं। वादी से भी बातचीत होती है। अगले दिन जब सुनवाई का मौका आता है तो पता चलता है कि उसकी जगह कोई और मुकदमा सूचीबद्ध है।
CJI NV Ramana statement : पिछले हफ्ते जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने रजिस्ट्री अधिकारियों से जवाब मांगा था कि मुकदमा एक निश्चित दिन पर लगाने का आदेश जारी होने के बावजूद उसे क्यों नहीं लगाया गया। इससे पूर्व एक मुख्य न्यायाधीश ने रजिस्ट्री के अधिकारियों को कोर्ट में ही बैठा लिया था और कहा था कि वे सुनें वकील कैसे शिकायत करते हैं।
CJI NV Ramana statement : रजिस्ट्री में लालफीताशाही का आलम यह है कि एक जज को अपने अर्दली की फटी हुई टोपी बदलवाने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। यह जज बाद में देश के मुख्य न्यायाधीश भी बने। जज साहब ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब उन्होंने अर्दली से टोपी के बारे में पूछा तो उसने बताया कि कई बार प्रयास करने के बावजूद बदलवा नहीं पा रहा हूं। इस पर न्यायाधीश ने रजिस्ट्री में फोन किया, लेकिन कोई बात नहीं बनी। फिर लिखकर देने के दो महीने के बाद अर्दली की टोपी बदली जा सकी।
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CJI NV Ramana statement : सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री (वह कार्यालय, जो सभी दस्तावेजों को स्वीकार करता है और उन पर कार्यवाही आगे बढ़ाता है) मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर मुकदमों का आवंटन करता है। सुप्रीम कोर्ट का रोस्टर व्यापक तौर पर वर्गीकृत ‘विषयों’ पर आधारित होता है। जब कोर्ट में कोई नया मामला दायर होता है, तो उसे एक ‘विषय’ के अंतर्गत डाल दिया जाता है। रजिस्ट्री में छह रजिस्ट्रार होते हैं, जिनका प्रमुख सेक्रेटरी जनरल होता है। इसके अधिकारी जिला जज के दर्जे के न्यायिक अधिकारी होते हैं।