नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान पहाड़ी राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन पर प्रकाश डाला और मतदाताओं से राष्ट्रीय राजधानी के सर्वांगीण विकास के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार चुनने का आग्रह किया।
नजफगढ़ और कालकाजी से भाजपा उम्मीदवारों-नीलम पहलवान और रमेश बिधूड़ी के समर्थन में जनसभाओं को संबोधित करते हुए धामी ने कहा, “मुझे यह साझा करते हुए गर्व हो रहा है कि 27 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया।”
उन्होंने कहा, “यह कानून धर्म, जाति या समुदाय की परवाह किए बिना सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों और अवसरों की गारंटी देगा।”
नजफगढ़ में धामी ने पार्षद के रूप में पहलवान के दो साल के कार्यकाल पर प्रकाश डाला। क्षेत्र की स्थिति में सुधार के लिए पहलवान के “निरंतर प्रयासों” का हवाला देते हुए धामी ने लोगों से विकास और सुशासन को प्राथमिकता देने के लिए उन्हें वोट देने का आग्रह किया।
धामी ने भरोसा दिलाया कि अगर भाजपा दिल्ली में सरकार बनाती है, तो वह अपनी पहली कैबिनेट बैठक में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करेगी।
कालकाजी में धामी ने मतदाताओं से रमेश बिधूड़ी को बड़े अंतर से जीत दिलाने की अपील की। उन्होंने कहा, “पांच फरवरी को बिधूड़ी को बड़ी जीत दिलाने के लिए उन्हें वोट दें।”
धामी ने उत्तराखंड में हाल में संपन्न नगर निगम चुनावों में भाजपा की सफलता का भी जिक्र किया, जिसमें पार्टी ने 11 में से 10 सीटों पर जीत हासिल की।
उन्होंने उत्तराखंड में हुए जिन विकास कार्यों को रेखांकित किया, उनमें दो एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) का निर्माण, पंतनगर हवाई अड्डे को एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र में बदलना और एम्स के माध्यम से हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत शामिल है।
धामी ने इस विकास कार्यों का श्रेय उत्तराखंड की ‘डबल इंजन सरकार’ को दिया।
उन्होंने दिल्ली में यमुना नदी की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की।
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) की आलोचना करते हुए धामी ने आरोप लगाया कि ‘आप’ ने पांच साल पहले यमुना नदी को साफ करने का संकल्प व्यक्त किया था, लेकिन इस दिशा में कोई भी प्रगति करने में विफल रही और अब पार्टी चुनाव में यही वादा दोहरा रही है।
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान पांच फरवरी को होगा, जबकि मतगणना आठ फरवरी को की जाएगी।
भाषा पारुल वैभव
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