चूकेगा नहीं चिनूक, सियाचिन में चीन की चालाकी पर रहेगी नजर, ग्लेशियर में सेना को मिलेगी काफी मदद

चूकेगा नहीं चिनूक, सियाचिन में चीन की चालाकी पर रहेगी नजर, ग्लेशियर में सेना को मिलेगी काफी मदद

चूकेगा नहीं चिनूक, सियाचिन में चीन की चालाकी पर रहेगी नजर, ग्लेशियर में सेना को मिलेगी काफी मदद
Modified Date: November 29, 2022 / 08:09 pm IST
Published Date: February 21, 2020 9:42 am IST

नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना ने अपने चिनूक हेलीकॉप्टर्स को लद्दाख के सियाचिन में तैनात कर दिया है। अब ये हेलीकॉप्टर्स इलाके में अपना परिचालन शुरू कर दिया है। चिनूक हेलिकॉप्टर सैन्य उपकरणों को ऊंचाई वाले स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। ये पिछले साल मार्च में वायुसेना में शामिल किए गए थे।

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चिनूक बहुउद्देशीय, वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफॉर्म हेलीकॉप्टर है जिसका इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, उपकरण और ईधन ढोने में किया जाता है। इसका इस्तेमाल मानवीय और आपदा राहत अभियानों में भी किया जाता है। राहत सामग्री पहुंचाने और बड़ी संख्या में लोगों को बचाने में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

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चिनूक में पूरी तरह एकीकृत डिजिटल कॉकपिट मैनेजमेंट सिस्टम है। सीएच-47 चिनूक एक एडवांस्ड मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर है, जो भारतीय वायुसेना को बेजोड़ सामरिक महत्व की हेवी लिफ्ट क्षमता प्रदान करेगा। यह मानवीय सहायता और लड़ाकू भूमिका में काम आएगा।

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उंचाई वाले इलाकों में भारी वजन के सैनिक साज सामान के परिवहन में इस हेलीकॉप्टर की अहम भूमिका होगी। भारतीय वायुसेना के बेड़े में अब तक रूसी मूल के भारी वजन उठाने वाले हेलीकॉप्टर ही रहे हैं।

 


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