नई दिल्ली। भारत ने चीन को घेरने एक और बड़ा फैसला किया है। सीमा विवाद को लेकर भारत ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर कई अमेरिकी हथियारों की तैनाती कर दी है। चिनूक हेलिकॉप्टर, अल्ट्रा लाइट टोड हॉवित्जर और राइफल्स के साथ ही भारत में बने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और अल्ट्रामॉडर्न सर्विलांस सिस्टम बॉर्डर पर लगाए गए हैं।
भारतीय सेना ने हाल ही में कहा है कि माउंटेन स्ट्राइक कोर पूरी तरह से चालू है। कॉम्बेट और कॉम्बेट सपोर्ट यूनिट्स सहित सभी यूनिट पूरी तरह से तैयार हैं।
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भारत ने सेना की एक बड़ी टुकड़ी को अरुणाचल प्रदेश में भेजा है। पिछले एक साल में कम से कम 30 हजार से अधिक सैनिकों को अरुणाचल में तैनात किया गया है। केंद्र सरकार 1962 की फिर से नहीं होने देना चाहती जब चीन ने तवांग जैसे क्षेत्र में अपना नियंत्रण कर लिया था।
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गेम चेंजर
तवांग से करीब 300 किलोमीटर दूर दक्षिण में भारतीय सेना की नई एविएशन ब्रिगेड नए प्लान में अहम स्थान रखती है। यह वही बेस है जहां से अमेरिकी जहाज दूसरे वर्ल्ड वॉर में जापानी शाही सेना से लड़ने को उड़ान भारी थी।
भारतीय एयरफोर्स अब चिनूक जैसे हेलिकॉप्टर से लैस है जो अमेरिकी होवित्जर और सैनिकों को आसानी से और तेजी से पहाड़ों के पार ला सकता है। कई इजरायली निर्मित मानव रहित विमान भी हैं जो हर वक्त दुश्मनों की रियल-टाइम तस्वीरें भेजते हैं।
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ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में सेंटर फॉर सिक्योरिटी, स्ट्रैटेजी एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक राजेश्वरी पिल्लई राजगोपालन का मानना है कि चीन के साथ बातचीत में प्रगति की कमी के कारण नई दिल्ली बॉर्डर पर तैनाती पर जोर दे रही है।
यह लगातार दूसरी सर्दी है जब दोनों देश बॉर्डर पर अपने सैनिक जमा किए हुए हैं। ऐसे में भारत को अमेरिका जैसे देशों से और अधिक इक्विपमेंट खरीदने की जरूरत है।