नई दिल्ली। लद्दाख के गलवान घाटी में हिंसक झड़प चीन की सोची-समझ साजिश थी। यह भिड़ंत अचानक दो सैन्य टुकड़ियों के भिड़ने का मामला नहीं है। चीन की सरकारी मीडिया ने इस बात को स्वीकार किया है कि गलवान घाटी में झड़प से ठीक पहले वहां पीएलए के सैनिकों की संख्या बढ़ा दी गई थी। इतना ही नहीं पहाड़ पर चढ़ाई में एक्सपर्ट और मार्शल आर्ट्स के लड़ाके सीमा पर भेजे गए थे। इससे साफ जाहिर होता है कि चीन पहले से ही खून-खराबे की प्लानिंग कर चुका था।
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पांच मिलिशिया डिविजन, जिसमें माउंट एवरेस्ट ओलिंपिक टॉर्च रिले के पूर्व सदस्य और मिक्स मार्शल आर्ट्स क्लब के लड़ाके शामिल हैं, ल्हासा में 15 जून को इंस्पेक्शन के लिए मौजूद थे। चीन सेना के आधिकारिक अखबार चाइना नेशनल डिफेंस न्यूज ने यह जानकारी दी है।
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सीसीटीवी में जिसमें सैकड़ों सैनिक तिब्बत की राजधानी में कतार में खड़े दिख रहे हैं। चाइना नेशल डिफेंस न्यूज ने के मुताबिक, तिब्बत कमांडर वांग हाइजियांग ने कहा कि एनबो फाइट क्लब के रिक्रूट संगठन और सैनिकों के मोबलाइजेशन, रेपिड रेस्पांस और सपोर्ट शक्ति को बहुत बढ़ाते हैं। हालांकि, यह पुष्टि नहीं कि गई है कि इनकी तैनाती सीमा तनाव से जुड़ी हुई है।
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15 जून की रात 16 बिहार रेजिमेंट के सैनिक गलवान घाटी में पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर यह देखने गए थे कि 6 जून को हुए समझौते के मुताबिक चीनी सैनिक पीछे हटे या नहीं, लेकिन इस दौरान चीनी सैनिकों ने उनपर हमला कर दिया था। पत्थर, रॉड और कील वाले रॉड से उन्होंने हमला किया था। भारतीय जांबाजों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। इस घटना में 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं 40-50 चीनी सैनिकों को भी मारने का दावा भारतीय सेना ने की है।