भारत के अगरबत्ती उद्योग में बाल श्रम में कमी आई: एनजीओ की रिपोर्ट

भारत के अगरबत्ती उद्योग में बाल श्रम में कमी आई: एनजीओ की रिपोर्ट

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  • Publish Date - March 22, 2025 / 02:07 PM IST,
    Updated On - March 22, 2025 / 02:07 PM IST

नयी दिल्ली, 22 मार्च (भाषा) बाल अधिकारों से जुड़े गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के एक समूह के अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत के अगरबत्ती निर्माण उद्योग में बाल श्रम के मामलों में उल्लेखनीय गिरावट आई है।

बिहार, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में किए गए इस अध्ययन में अगरबत्ती निर्माण उद्योग से बाल श्रम के उन्मूलन में हुई प्रगति पर प्रकाश डाला गया है लेकिन साथ ही घरेलू स्तर पर अनियमित परिस्थितियों में उत्पादन के काम लगे बच्चों को लेकर चिंताई जताई गई हैं।

‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन अलायंस’ द्वारा कई गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से किए गए अध्ययन से पता चला है कि इसमें भाग लेने वाले 82 प्रतिशत लोगों ने अपने इलाकों में बाल श्रम का कोई मामला नहीं देखा।

अध्ययन के अनुसार, केवल आठ प्रतिशत लोगों ने बच्चों को अगरबत्ती बनाने के काम में लगे देखा।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘अगरबत्ती उद्योग ने बाल श्रम के उन्मूलन की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसका श्रेय बढ़ती जागरूकता, नीतिगत हस्तक्षेप और सख्त नियमों को जाता है लेकिन हमें सतर्क रहना होगा क्योंकि खासकर घरेलू परिवेश में उत्पादन जैसे कुछ क्षेत्रों में बाल श्रम अब भी मौजूद है।’’

इस अध्ययन में तीन राज्यों में विभिन्न समुदायों के कुल 153 लोगों को शामिल किया गया।

निष्कर्षों के अनुसार, 77 प्रतिशत बाल श्रमिक औपचारिक कार्यशालाओं के बजाय घरों में किए जाने वाले उत्पादन कार्य में कार्यरत हैं जिससे विनियमन और निगरानी अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाती है।

भाषा सिम्मी नेत्रपाल

नेत्रपाल