Agneepath Scheme : रांची। ‘अग्निपथ’ योजना के तहत सेना में ‘अग्निवीरों’ की भर्ती की हाल में की गई घोषणा और उसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र पर निशाना साधा है। उन्होंने शुक्रवार को केंद्र की अग्निपथ योजना को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस ‘स्लोगनवीर’ सरकार से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है।
इसके बाद सीएम सोरेन के इस बयान पर तुरंत पलटवार करते हुए भाजपा ने उन्हें ‘घोषणावीर’ बता दिया। सोरेन ने ‘अग्निपथ’ योजना पर कटाक्ष करते हुए शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘बहाली अनुबंध पर एवं नाम अग्निवीर!’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘इस स्लोगनवीर सरकार से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है ? !!! जागो भविष्य के कर्णधारों जागो !!!’’
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युवाओं के हितैषी बनने का ढोंग कर रहे हैं: पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास
इसपर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हेमंत सोरेन एवं उनकी सरकार को ‘घोषणावीर’ बताया और उनके द्वारा राज्य की जनता से किये गये वादों की याद दिलायी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान पर रघुवर दास ने जवाबी ट्वीट कर कहा कि, ‘‘घोषणावीर व्यक्ति को यह उपदेश शोभा नहीं देता।’’ इसेक आगे उन्होंने सरकार को वादा खिलाफी बताते हुए कहा कि, ‘‘एक साल में पांच लाख नौकरी का वादा कर लोगों का रोजगार छीनने वाले और बेरोजगारी भत्ता देने का झूठा वादा करने वाले आज युवाओं के हितैषी बनने का ढोंग कर रहे हैं।’’ दास ने कहा, ‘‘भविष्य के कर्णधार आपको इसका माकूल जवाब देंगे घोषणावीर मुख्यमंत्री जी!’’
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कहीं सेना में ठेका प्रथा होती है क्या?: सुप्रियो भट्टाचार्य
सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने भी शुक्रवार शाम एक संवाददाता सम्मेलन में ‘अग्निपथ’ योजना की आलोचना की। उन्होंने सवाल किया कि ‘‘कहीं सेना में ठेका प्रथा होती है क्या?’’ इसके आगे सुप्रियो ने केंद्र की इस योजना की निंदा करते हुए कहा कि, ‘‘हमारी सेना पर हमें गर्व है। लेकिन केवल छह माह के प्रशिक्षण पर क्या हम अच्छे सैनिक तैयार कर सकेंगे? जवान तैयार करने में कम से कम एक वर्ष लगता है। एनसीसी का प्रशिक्षण भी कम से कम दो वर्ष में पूरा होता है।’’
गौरतलब है कि शुक्रवार को झारखंड के धनबाद, जमशेदपुर एवं डाल्टनगंज समेत कई इलाकों में सेना के भर्ती अकांक्षी युवाओं ने अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन किया और कई ट्रेनों को रोक दिया। इसकी वजह से राज्य से चलने वाली या गुजरने वाल कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा या उनका मार्ग परिवर्तित किया गया।