गांधीसागर (मप्र)/कोटा (राजस्थान), 15 अक्टूबर (भाषा) मंदसौर की जिलाधिकारी अदिति गर्ग ने कहा कि कि क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत जल्द ही गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को लाया जाएगा।
‘गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट 3.0’ कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद गर्ग ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि कूनो के बाद भारत में यह दूसरा स्थल होगा जहां चीते देखने को मिलेंगे।
उन्होंने सोमवार शाम को चंबल नदी की ‘आरती’ करके क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत की।
उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश के गांधीसागर और राजस्थान के कोटा के बीच एक मजबूत संपर्क स्थापित करने के लिए राज्य सरकारों के सहयोगात्मक प्रयासों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।
गर्ग ने कहा कि मंदसौर और कोटा के जिलाधिकारियों के बीच जल्द ही चर्चा होगी ताकि दोनों क्षेत्रों की पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके।
जिलाधिकारी ने कहा कि गांधीसागर में बदलाव लाने वाली पहल की जा रही है, जिसमें अभयारण्य में चीतों को लाने की योजना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इससे यह देश में कुनो के बाद दूसरा ऐसा स्थल बन जाएगा, जहां चीते होंगे।
उन्होंने क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक और पुरातात्विक विरासत का भी उल्लेख किया, जिसमें हिंगलाज मंदिर, चतुर्भुज नाला और पशुपतिनाथ मंदिर जैसे आकर्षण शामिल हैं।
गर्ग ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के प्रभाव पर भी प्रकाश डाला जो राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच संपर्क को बढ़ाएगा और पर्यटन को बढ़ावा देगा।
उन्होंने यह भी कहा कि चंबल क्षेत्र में अवैध खनन और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए नियमित निरीक्षण किए जा रहे और सख्त कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं।
गर्ग ने कहा कि क्षेत्र की पवित्रता और पारिस्थितिक अखंडता को बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों की सक्रिय भागीदारी के साथ कड़े उपाय लागू किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोटा से गांधीसागर काफी नजदीक है, जिसे देखते हुए राजस्थान से पर्यटकों को मध्यप्रदेश के आस-पास के स्थलों की ओर से आकर्षित करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
भाषा
खारी गोला
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