उतरने के लिए समतल जगह तलाश रहा चंद्रयान-3.. आसानी से समझिये कैसे होगी लैंडिंग | Chandrayan-3 Live Landing Video HD

उतरने के लिए समतल जगह तलाश रहा चंद्रयान-3.. आसानी से समझिये कैसे होगी लैंडिंग

Edited By :   Modified Date:  August 20, 2023 / 06:26 PM IST, Published Date : August 20, 2023/6:26 pm IST

नई दिल्ली: इसरो का चंद्रयान-3 मिशन इतिहास लिखने से अब महज एक कदम की दूरी पर है। शनिवार रात 2 बजे चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर विक्रम में दूसरी बार डीबूस्टिंग की गई। इस डीबूस्टिंग के बाद अब लैंडर विक्रम चंद्रमा की धरती के और करीब पहुंच गया है। (Chandrayan-3 Live Landing Video HD) इस वक्त लैंडर विक्रम चंद्रमा की कक्षा में सबसे पास 25 किलोमीटर की दूरी पर और सबसे दूर 134 किलोमीटर की दूरी की कक्षा में चक्कर लगा रहा है। डीबूस्टिंग के दौरान लैंडर विक्रम में लगे चारों इंजन का इस्तेमाल किया गया है। पहली डीबूस्टिंग में दो इंजन का इस्तेमाल किया गया था। वहीं शनिवार रात हुई डीबूस्टिंग में बचे हुए दो इंजनों का इस्तेमाल किया गया। इससे साफ जाहिर है कि लैंडर विक्रम पूरी तरह ठीक है।

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सफलत हुई दूसरी डीबूस्टिंग

चंद्रयान-3 मिशन में अब केवल डोरबिट बर्न और लैंडिंग ही बची है। लैंडर इस समय जिस कक्षा में है उसे इसरो द्वारा इंटरमीडिएट ट्रांसफर ऑर्बिट कहा जाता है। यह वह जगह है जहां लैंडर अपने लैंडिंग स्थल पर सूर्योदय होने का इंतजार करेगा और इसी कक्षा से लैंडर विक्रम की चंद्रमा पर 23 अगस्त शाम 5 बजकर 45 मिनट पर लैंडिंग होगी। लैंडर की पहली डीबूस्टिंग 18 अगस्त को की गई थी। उस वक्त लैंडर की चंद्रमा से सबसे कम दूरी 113 किलोमीटर और सबसे ज्यादा दूरी 157 किलोमीटर थी। जबकि दूसरी डीबूस्टिंग 20 अगस्त की आधी रात के बाद हुई और अब लैंडर की चंद्रमा से सबसे कम दूरी 25 किलोमीटर और अधितम दूरी 134 किलोमीटर है।

लैंडिग के लिए जगह तलाश रहा विक्रम लैंडर

डीबूस्टिंग की ये प्रक्रिया लैंडर में लगे थ्रस्टर के ज़रिए पूरी की गई। इस प्रोसेस में यान के चलने की दिशा के विपरीत दिशा में थ्रस्टर फायर करके स्पीड कम की गई। चंद्रयान के लैंडर के चार पैरों के पास 800 न्यूटन शक्ति के एक-एक थ्रस्टर लगे हैं। इन्हीं की मदद से लैंडर मॉड्यूल की स्पीड कम करके निचली कक्षा में पहुंचाया जाएगा। अब अगले तीन दिनों तक लैंडर विक्रम उस जगह की तलाश करेगा कि उसे कहां लैंड करना है। इस बार लैंडर विक्रम में ऐसे उपकरण लगे हैं जिससे वो अपनी लैंडिंग की जगह खुद तय करेगा।

अब ऐसे होगी सॉफ्ट लैंडिंग

दूसरी डीबूस्टिंग के साथ ही चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की लैंडिंग का काउंटडाउन भी शुरू हो चुका है। अब लैंडर की रफ्तार धीमी करके इसकी लैंडिंग कराकर अंतरिक्ष की दुनिया में इतिहास रचने की तैयारी है। 25 किमी की ऊंचाई से ही लैंडर विक्रम की लैंडिंग प्रोसेस शुरू होगी।(Chandrayan-3 Live Landing Video HD) इसके लिए लैंडर की रफ्तार 1680 मीटर प्रति सेकेंड से 2 मीटर प्रति सेकेंड पर लानी होगी। उसे परिक्रमा करते हुए 90 डिग्री कोण पर चंद्रमा की तरफ चलना शुरू करना होगा। इसे थ्रस्टर की मदद से कम करते हुए सतह पर सुरक्षित उतारा जाएगा।

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