नई दिल्ली : Chandrayaan 3 New Video: भारत के मून मिशन के लिए एक और मील का पत्थर स्थापित करते हुए इसरो ने मंगलवार को चंद्रयान -3 द्वारा ली गई चंद्रमा की छवियों का एक नया वीडियो जारी किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 के लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के तय समय से एक दिन पहले मंगलवार को कहा कि चंद्रयान-3 मिशन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा है।
ISRO ने चंद्रमा पर भारत के तीसरे मिशन की मंगलवार दोपहर को ताजा जानकारी देते हुए कहा, ‘‘मिशन तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा है।प्रणालियों की नियमित जांच की जा रही है। सुचारू संचालन जारी है।’’ उसने कहा कि एमओएक्स/आईएसटीआरएसी से चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर उतरने का सीधा प्रसारण बुधवार शाम पांच बजकर 20 मिनट से शुरू किया जाएगा। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल के बुधवार को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह के दक्षिण ध्रुवी क्षेत्र के निकट उतरने की उम्मीद है।
Chandrayaan-3 Mission:
The mission is on schedule.
Systems are undergoing regular checks.
Smooth sailing is continuing.The Mission Operations Complex (MOX) is buzzed with energy & excitement!
The live telecast of the landing operations at MOX/ISTRAC begins at 17:20 Hrs. IST… pic.twitter.com/Ucfg9HAvrY
— ISRO (@isro) August 22, 2023
Chandrayaan 3 New Video: इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 19 अगस्त को लगभग 70 किलोमीटर की ऊंचाई से चंद्रयान-3 मिशन के ‘लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरे’ (एनपीडीसी) से ली गई चंद्रमा की तस्वीरें मंगलवार को जारी कीं। इसरो ने बताया कि एलपीडीसी से ली गई तस्वीरें यान पर मौजूद चंद्रमा के संदर्भ मानचित्र के साथ मिलान करके इसकी स्थिति (अक्षांश और देशांतर) निर्धारित करने में मिशन के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) की सहायता करती हैं। एलएम के बुधवार को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने की उम्मीद है।
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Chandrayaan 3 New Video: इसरो ने ‘लैंडर हजार्ड डिटेक्शन एंड एवाइडेंस कैमरा’ (एलएचडीएसी) से ली गई चंद्रमा के सुदूर पार्श्व भाग की तस्वीरें सोमवार को जारी की थीं। अहमदाबाद स्थित ‘अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र’ (एसएसी) द्वारा विकसित यह कैमरा नीचे उतरते समय ऐसे सुरक्षित ‘लैंडिंग’ क्षेत्र का पता लगाने में सहायता करता है, जहां चट्टानें या गहरी खाइयां न हों। एसएसी इसरो का प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र है।
इसरो के अनुसार, चंद्रयान-3 मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए लैंडर में एलएचडीएसी जैसी कई उन्नत प्रौद्योगिकियां हैं.चंद्रयान-2 की असफलता के बाद चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया था। चंद्रयान-तीन को चंद्रमा की सतह पर सफलता से उतरने और विचरण करने की क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए भेजा गया है।