Chandrashekhar Azad statement: ‘धार्मिक सेंसिटिव इश्यू है, मजाक बनाया जा रहा..’ अजमेर शरीफ दरगाह के भीतर शिव मंदिर के दावे पर बोले चंद्रशेखर आजाद

Chandrashekhar Azad statement: अजमेर शरीफ दरगाह के भीतर शिव मंदिर के दावे पर आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद का बयान

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  • Publish Date - November 29, 2024 / 01:10 PM IST,
    Updated On - November 29, 2024 / 01:10 PM IST

Chandrashekhar Azad on Dargah dispute: नई दिल्ली। राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह के भीतर शिव मंदिर पर दावा करने वाले मुकदमे पर आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि, विवाद बहुत पुराना नहीं ताजा विवाद है। संविधान की प्रस्तावना का पाठ दो दिन पहले इसी देश की सबसे बड़ी पंचायत पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल में हुआ और ये कहा गया कि हमें संविधान के लक्ष्यों एवं मूल्यों और उद्देश्यों के साथ खड़ा होना है। लेकिन. क्या आज सरकारें, कोर्ट अपनी जिम्मेदारी को निभा रहे हैं? क्या देश के प्रधानमंत्री, देश के राष्ट्रपति, प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री, सर्वोच्च न्यायालय के हमारे जज, हाई और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज संविधान के अनुरुप कार्य कर रहे हैं?

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संविधान की प्रस्तावना का पाठ पढ़ते हुए चंद्रशेखर आज़ाद ने सवाल किया कि, क्या जो हो रहा वो पीएम को नहीं दिख रहा? कि किस तरह हमारे प्रिंबल के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। मैं जानना चाहता हूं कि अगर आज कोई बुद्धिस्ट खड़ा हो जाए और कहे कि हिंदू धार्मिल स्थलों के नीचे बौद्ध मठ है तो क्या सरकार परमिशन करेगी? बिना सत्ता के जानकारी के, संरक्षण के ये नहीं हो सकता है। ये इसलिए हो रहा है, यो तमाशा इसलिए किया जा रहा है, कभी संभल, कभी ज्ञानवापी, कभी अजमेर.. ये सारे नाटक बुनियादी मुद्दे जैसे रोटी, कपड़ा, मकान, रोजगार, महंगाई, बेरोगारी, एजुकेशन, हेल्थ, किसान, महिला सुरक्षा इन सब से लोगों का ध्यान हटे।

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चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि, जब इन मुद्दों से जनता का ध्यान हट जाएगा तो फिर सत्ता में बैठे लोग सरकार को सुचारू रूप से चला सकेंगे जब सवाल नहीं बचेगा और इन मुद्दों पर कोई सवाल नहीं उठेगा। धार्मिक सेंसिटिव कारण है, जिस तरह से उसका मजाक यहां बनाया जा रहा इसका जवाब सरकार को देना चाहिए कि इसका अंतिम लक्ष्य क्या है? मैं ऐसे समय में संविधान के प्रिंबल सभी को याद दिलाना चाहता हूं कि ये देश सभी का है और इस तरह का माहौल बनाने के बाद जो स्थिति होगी उसका नुकसान देश को उठाना पड़ेगा न कि सरकारों को।

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