मोहालीः Chandigarh University MMS Case चंडीगढ़ यूर्निवर्सिटी में छात्राओं का एमएमएस वायरल होने के बाद मचा बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। मामला गरमाने के बाद प्रबंधन ने 19 सितंबर से एक सप्ताह के लिए क्लासेस बंद कर दिया है। वहीं, मामला सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी छात्रा से पूछताछ की, जिसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले का खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि आरोपी छात्रा से करीब डेढ़ घंटे तक पूछताछ की गई है। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
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Chandigarh University MMS Case मामले में खुलासा करते हुए एडीजीपी ने बताया कि मामले में 20 छात्राएं प्रभावित हैं, जिन्होंने आरोपी को वीडियो बनाते या फोटो खींचते देखा है। रविवार की रात जो प्रदर्शन हुआ था, उसमें पीड़ित छात्राएं नहीं थीं। प्रदर्शन दूसरे विद्यार्थियों ने किया था। आरोपी छात्रा के बॉयफ्रेंड को पकड़ने के लिए पुलिस की टीम रवाना हो गई है। वीडियो बनाने के बाद उसका क्या किया गया और कितनी छात्राओं के वीडियो बनाए गए, दोनों आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ के बाद यह जानकारी सामने आएगी। एडीजीपी ने कहा कि बड़े से बड़े लोगों का भी नाम आएगा तो उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाएंगे।
दोपहर लगभग 12 बजे डीजीपी के निर्देश पर एडीजीपी यूनिवर्सिटी पहुंचीं। वहां यूनिवर्सिटी प्रबंधन से चर्चा करने के बाद घटनास्थल पर पहुंचीं। इस दौरान उनके साथ आईजी जीपीएस भुल्लर और मोहाली के एसएसपी विवेक शील सोनी मौजूद रहे। लगभग 50 छात्राओं से उन्होंने पूछताछ की। एडीजीपी जैसे ही हॉस्टल में पहुंचीं पीड़िता छात्राएं परेशान होकर उनके पास पहुंचीं और बताया कि उनकी बात को सुना ही नहीं जा रहा है।
बाहरी विद्यार्थियों की बात सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। एडीजीपी ने उन्हें भरोसा देते हुए कहा कि वह उनकी बात सुनेंगी और न्याय दिलाएंगी। एडीजीपी ने बताया कि छात्राएं जिस दरवाजे की बात कर रहीं हैं, उसकी जांच की जा रही है कि वहां से वीडियो बन सकता है या नहीं। मोबाइल से कोई डाटा डिलीट हुआ है कि नहीं इसकी भी जांच की जा रही है। एडीजीपी ने कहा कि आरोपी छात्रा के लैपटॉप और मेमोरी कार्ड को भी जब्त किया जाएगा।
एडीजीपी ने कहा कि हॉस्टल में चार हजार लड़कियां रहती हैं। इस हॉस्टल में नए सत्र की लड़कियां हैं इसलिए एक दूसरे को कम ही जानती हैं। छात्राएं दो हफ्ते पहले ही हॉस्टल में आईं थीं। उनका सेटलमेंट का प्रोसेस चल रहा था। एक लड़की के साथ तीन से चार लड़कियां रहती हैं। उन्होंने देखा कि आरोपी लड़की कॉमन वॉशरूम में दरवाजे के नीचे से कुछ फोटो ले रही थी। उन्होंने वार्डन से इसकी शिकायत की। वार्डन ने उससे पूछताछ की लेकिन फोन चेक नहीं किया।
प्रेसवार्ता के दौरान एडीजीपी ने बताया कि मामले को लेकर एक लड़की घबरा गई थी लेकिन सोशल मीडिया पर आत्महत्या की अफवाह फैल गई। लड़कियों से पूछताछ के बाद पता चला कि पुलिस और प्रशासन के दखल के बाद वह खुश है। उसका कहना था कि फोन में उसकी कोई वीडियो न हो उसे इस बात की चिंता थी। एडीजीपी ने प्रशासन को सुझाव दिया कि पीड़ित लड़कियों का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालें और इस पूरी घटना पर जो भ्रम है, उसे दूर करें।