चंपई सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया, हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया

चंपई सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया, हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया

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  • Publish Date - July 3, 2024 / 10:09 PM IST,
    Updated On - July 3, 2024 / 10:09 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

रांची, तीन जुलाई (भाषा) झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया।

इससे पहले, सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं और विधायकों ने यहां चंपई सोरेन के आवास पर एक बैठक में सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) विधायक दल का नेता चुना।

हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद दो फरवरी को झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले चंपई सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष की उपस्थिति में अपना इस्तीफा दे दिया जिससे दिन भर चलीं अटकलों पर विराम लग गया।

हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और जल्द ही शपथग्रहण समारोह आयोजित होने की संभावना है। शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री होंगे।

झारखंड 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर एक पृथक राज्य बना था।

कांग्रेस विधायक बन्ना गुप्ता के मुताबिक, राजभवन की ओर से बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न 11 बजे तक शपथग्रहण के बारे में जानकारी दिए जाने की बात कही गई है।

चंपई सोरेन ने राजभवन से बाहर आने के बाद कहा, ‘मैंने झामुमो-नीत गठबंधन के फैसले के अनुसार इस्तीफा दे दिया है। हमारा गठबंधन मजबूत है।’

उन्होंने कहा, ‘सभी जानते हैं कि हेमंत सोरेन जी के साथ क्या हुआ था… गठबंधन सहयोगियों ने मुझे जिम्मेदारी दी थी। अब, गठबंधन ने हेमंत सोरेन जी के पक्ष में फैसला किया है।’

इस बीच, हेमंत सोरेन ने मीडिया से कहा कि सरकार बनाने की सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।

शपथग्रहण के बारे में पूछे जाने पर झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, ‘जल्द ही सबकुछ बताया जाएगा।’

झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन को विधायक दल का नेता चुनने के लिए हुई बैठक में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के अलावा हेमंत सोरेन के भाई बसंत और पत्नी कल्पना भी मौजूद थीं।

उच्च न्यायालय द्वारा कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में जमानत दिए जाने के बाद हेमंत सोरेन को गिरफ्तारी के लगभग पांच महीने बाद 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था।

उन्होंने 31 जनवरी को अपनी गिरफ्तारी से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

इस बीच, नयी दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि ईडी जल्द ही झारखंड उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका के साथ उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकता है जिसमें धनशोधन मामले में हेमंत सोरेन को जमानत दी गई थी।

इस बीच, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘झारखंड में चंपई सोरेन युग खत्म हो गया है। परिवारवादी पार्टी में, परिवार के बाहर के लोगों का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है। मैं चाहता हूं कि मुख्यमंत्री भगवान बिरसा मुंडा से प्रेरणा लें और भ्रष्ट हेमंत सोरेन जी के खिलाफ खड़े हो जाएं।’

भाजपा की झारखंड इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि शिबू सोरेन के परिवार के बाहर के आदिवासी झामुमो में केवल अस्थायी चेहरे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह परिवार अपनी आवश्यकताओं के अनुसार लोगों का उपयोग करने में विश्वास रखता है।

हेमंत, पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के बेटे हैं।

मरांडी ने आरोप लगाया कि पांच महीने पहले भाई-भतीजावाद से ऊपर उठकर नया मुख्यमंत्री चुनने की बात करने वाले झामुमो का असली चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया है।

उन्होंने कहा कि ”कोल्हान का टाइगर” कहे जाने वाले चंपई सोरेन को आज चूहा बना दिया गया है।

झारखंड मंत्रिपरिषद में 12 मंत्री हो सकते हैं, लेकिन वर्तमान में 10 मंत्री हैं।

लोकसभा चुनाव के बाद, राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 45 रह गई है, जिनमें झामुमो के 27, राजद का एक और कांग्रेस के 17 विधायक शामिल हैं।

झामुमो के दो विधायक-नलिन सोरेन और जोबा माझी अब सांसद हैं, जबकि जामा से विधायक सीता सोरेन ने भाजपा के टिकट पर आम चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था। झामुमो ने बिशुनपुर से विधायक चमरा लिंडा और बोरियो से विधायक लोबिन हेम्ब्रम को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन उन्होंने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है।

इसी तरह, विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या घटकर 24 रह गई है, क्योंकि उसके दो विधायक- ढुलू महतो (बाघमारा) और मनीष जायसवाल (हजारीबाग) ने लोकसभा चुनाव लड़ा था और वे अब सांसद हैं। भाजपा ने चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल होने वाले मांडू सीट से विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को निष्कासित कर दिया है।

झारखंड की 81-सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 76 सदस्य हैं। राज्य में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव भी प्रस्तावित है।

भाषा

नेत्रपाल सुरेश

सुरेश